Shani Ke Upay: ऐसा माना जाता है कि शनि के केवल नकारात्मक प्रभाव ही झेलने पड़ते हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ये धारणा बेहद गलत है। न्यायप्रिय देवता शनि महाराज के बारे में कहा जाता है कि वो लोगों के कर्मों को देखकर उनके फल देते हैं। कहते हैं कि जिस प्रकार व्यक्ति कर्म करता है, ठीक उसी प्रकार के फलों की प्राप्ति उस व्यक्ति को होती है।

वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह का बड़ा ही महत्त्व हैं। अगर आपकी कुंडली में शनि से संबंधित कोई दोष बन रहा है, तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। जन्‍मकुंडली में शनि दोष के कारण जीवन नरक समान बन सकता है। शनि दोष की वजह से जीवन के हर क्षेत्र में असफलता मिलती है और सभी प्रयास फेल हो जाते हैं। आज आपको बताएंगे कि शनि देव का प्रिय रत्न नीलम धारण करने के क्या-क्या लाभ होते हैं।

इस मंत्र का करें जाप: शनिवार के दिन सातमुखी रुद्राक्ष को गंगाजल में धोकर धारण करें। मान्यता है ऐसा करने से सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। शनिवार के दिन ‘ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः’ और ‘ॐ शं शनिश्चरायै नमः’ इन दो मंत्रों का जाप करें। इस दिन जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान भी जरूर करें।

पीपल की पूजा करें: शनि के कुप्रभाव के कारण आप हर तरह से कंगाल हो सकते हैं। इसलिए शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सूर्योदय से पहले पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। शनि देव की पूजा हमेशा सूर्य निकलने से पहले या सूर्यास्त के बाद ही करनी चाहिए। माना जाता है कि शनि देव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाएं।

ऐसे धारण करें रत्न: शनि के अशुभ प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए रत्न नीलम को शुक्ल पक्ष के किसी भी शनिवार के दिन या ब्रह्म मुहूर्त में या शनि के नक्षत्र में सीधे हाथ की मध्यमा अंगूली में धारण करना सबसे बेहतर होता हैं। शनि ग्रह को आयु, रोग, पीड़ा, दुःख, तकनीकी, विज्ञान, खनिज तेल, लोहा, कर्मचारी, सेवक, जेल आदि का कारक माना जाता हैं।

हनुमान चालीसा का पाठ करें: शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनिवार का दिन विशेष माना गया है। इस दिन शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनिवार के दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना भी विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। इस उपाय को करने से करियर में तरक्की के रास्ते खुलते हैं। शनिवार के दिन हनुमान जी को चोला चढ़ाएं, सुदंरकांड का पाठ करें।