Shani Jayanti Date 2020: ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को शनिदेव का जन्मोत्सव मनाया जाता है। जिसे शनि जयंती कहते हैं जो इस बार 22 मई को है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की पूजा करने से शनि साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन शनि चालीसा और शनि स्त्रोत का पाठ करना भी काफी फलदायी माना गया है। इस दिन मंदिरों में काफी भीड़ रहती है लेकिन इस बार कोरोना संकट के चलते लोग मंदिर नहीं जा पायेंगे। ऐसे में घर पर रहकर ही शनि जयंती मनानी होगी।

शनि सूर्य पुत्र हैं और उनकी माता छाया हैं। राशि चक्र के अनुसार शनि मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। शनि लोगों को उनके कर्मों के आधार पर फल देते हैं। इस साल 24 जनवरी में शनि का गोचर मकर राशि में हुआ था। जिस कारण मिथुन और तुला वालों पर शनि की ढैय्या शुरू हो गई थी। तो वहीं कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती का पहला चरण शुरू हो गया था। मकर और धनु वाले पहले से ही शनि साढ़े साती की चपेट में हैं।

Shani Jayanti 2020: 59 साल बाद शनि जयंती पर अद्भुत संयोग, 5 राशि वालों को मिलेगा फायदा

शनि जयंती व्रत विधि: इस दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर काले कपड़े पर शनिदेव की मूर्ति या फिर एक सुपारी रखकर उसके दोनों और शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। शनिदेवता की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवायें। इसके बाद अबीर, गुलाल, काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करें। भोग स्वरूप इमरती व तेल से बनी वस्तुओं को अर्पित करें। फिर फल अर्पित करें। पंचोपचार पूजा करने के बाद शनि मंत्र का कम से कम एक माला जप करना चाहिए। इसके बाद शनि चालीसा का पाठ करें और आरती उतारकर पूजा संपन्न करें।

शनि जयंती पर क्या करें: शनिदेव की पूजा करने के दिन सूर्योदय से पहले शरीर पर तेल मालिश कर स्नान करना चाहिये। ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिये। किसी जरूरतमंद गरीब व्यक्ति को तेल में बने खाद्य पदार्थों का दान करना चाहिए। गाय और कुत्तों को भी तेल से बने पदार्थ खिलाने चाहिये। बुजुर्गों और जरुरतमंदों की सेवा करनी चाहिये।

शनि मंत्र:
– ॐ त्र्यम्बकं यजामहे पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षयी मा मृतात.
– ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
– ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:

Live Blog

12:26 (IST)22 May 2020
Shani Chalisa शनि चालीसा...

Shani Jayanti 2020: शनिदेव की आज जयंती है। ऐसा कहा जाता है इस खास मौके पर शनिदेव की पूजा करने से शनिदोष के कुप्रभाव कम हो जाते हैं। हर साल शनि भगवान का जन्मोत्सव ज्येष्ठ अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष तौर पर भक्तों की भीड़ उमड़ती है। लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते लोग घर पर रहकर ही पूजा अर्चना कर रहे हैं। शनि देव को प्रसन्न करने के तो वैसे कई ज्योतिषीय उपाय होते हैं लेकिन एक आसार तरीका है जिससे शनिदेव जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं वो है शनि चालीसा। यहां आप देखेंगे संपूर्ण शनि चालीसा…

11:33 (IST)22 May 2020
Shani Dev Ki Puja Vidhi: शनिदेव की पूजा विधि

शनिदेव की पूजा भी बाकि देवी-देवताओं की पूजा की तरह सामान्य ही होती है। लकड़ी के एक पाट पर काला वस्त्र बिछाकर उस पर शनिदेव की प्रतिमा या तस्वीर या फिर एक सुपारी रखकर उसके दोनों और शुद्ध घी व तेल का दीपक जलाकर धूप जलाएं। शनिदेवता के इस प्रतीक स्वरूप को पंचगव्य, पंचामृत, इत्र आदि से स्नान करवायें। इसके बाद अबीर, गुलाल, सिंदूर, कुमकुम व काजल लगाकर नीले या काले फूल अर्पित करें। तत्पश्चात इमरती व तेल में तली वस्तुओं का नैवेद्य अपर्ण करें। इसके बाद श्री फल सहित अन्य फल भी अर्पित करें। पंचोपचार पूजन के बाद शनि मंत्र का कम से कम एक माला जप भी करना चाहिये। माला जपने के पश्चात शनि चालीसा का पाठ करें व तत्पश्चात शनि महाराज की आरती भी उतारनी चाहिये।

10:55 (IST)22 May 2020
शनि देव आरती (Shani Aarti):

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

श्याम अंग वक्र-दृ‍ष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।
लोहा तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।।

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी॥
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

10:14 (IST)22 May 2020
शनि जयंती का आसान उपाय...

काले सुरमे के उपाय: शनि को प्रसन्न करने के लिए एक शीशे की बोतल में काला सुरमा लें और उसे 9 बार ऊपर से उतरवा लें। ऐसा कर उसे किसी सुनसान जगह पर गाड़ दें। ये उपाय शनिवार के दिन भी किया जा सकता है।

09:54 (IST)22 May 2020
शनि जयंती के अन्य उपाय (Shani Jayanti Ke Upay):

आर्थिक वृद्धि के लिए गेंहू पिसवाएं और उसमें कुछ काले चने का पीसकर मिला दें। ये उपाय शनि जयंती या फिर शनिवार को भी किया जा सकता है। शनि जयंती को 10 बादाम लेकर हनुमान मंदिर में जाएं। जिसमें से 5 बादाम वहां रख दें और 5 बादाम घर लाकर किसी लाल वस्त्र में बांधकर धन स्थान पर रख दें। बहते पानी में नारियल विसर्जित करें। शनि जयंती को सरसों का तेल हाथ और पैरों के नाखूनों पर लगाएं। शनि जयंती की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल या सरसों के तेल का दीपक जलाएं। हनुमान चालीसा का पाठ करें।

09:20 (IST)22 May 2020
ज्योतिष अनुसार क्या है शनि साढ़े साती

शनिदेव की दशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में पुराने गलत कामों का फल मिलता है। शनिदेव मेहनत ज्यादा करवाते हैं। इनके कारण किसी भी काम को पूरा करने के लिए दुगनी मेहनत करनी पड़ती है। जो लोग गैर कानूनी या गलत काम नहीं करते उन्हें शनिदेव से नहीं डरना चाहिए।

08:59 (IST)22 May 2020
Shani Jayanti 2020: शनि जयंती इसलिए होती है खास

साढ़ेसाती और ढैय्या के कारण परेशान लोगों के लिए शनि जयंती बहुत ही खास होती है। इस दिन शनि पूजा, व्रत और दान करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। इस बार 972 साल बाद शनि जयंती पर चार ग्रह एक ही राशि में है और बृहस्पति के साथ शनि खुद की राशि में है। इससे पहले ये दुर्लभ संयोग सन 1048 में बना था।

17:45 (IST)21 May 2020
Shani Jayanti 2020 जानिये कौन है शनिदेव?

शनिदेव प्रत्यक्ष देवता भगवान सूर्य और माता छाया की संतान हैं। अपनी माता के अपमान के कारण शनिदेव हमेशा अपने पिता सूर्य से शत्रुता का भाव रखते हैं। ज्योतिष में शनि को न्यायाधिपति कहा गया है। ये गिद्ध की सवारी करते हैं। इन्हे सभी ग्रहों में न्याय और कर्म प्रदाता का दर्जा प्राप्त है। मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि देव हैं। यह बहुत ही धीमी चाल से चलते हैं। करीब ढाई साल बाद अपनी राशि बदलते हैं। शनि की महादशा 19 वर्षों तक रहती है।

17:12 (IST)21 May 2020
शनि जयंती मुहूर्त...

शनि जयन्ती शुक्रवार, मई – 22, 2020 को
अमावस्या तिथि प्रारम्भ – मई 21, 2020 को 09: 35पी एम बजे
अमावस्या तिथि समाप्त – मई 22, 2020 को 11:08 पी एम बजे

16:35 (IST)21 May 2020
Shani Jayanti Rashifal 2020: शनि जयंती राशिफल

Shani Jayanti 22 May 2020 Rashifal: इस साल शनि जयंती 22 मई को मनाई जायेगी। इस दिन ज्येष्ठ अमावस्या और वट सावित्री व्रत भी है। शनि जयंती पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग भी बन रहा है। मकर राशि में सूर्य और गुरु एक साथ रहेंगे। वृषभ में सूर्य, चंद्र और शुक्र विराजमान रहेंगे। इस संयोग से 5 राशि वालों को लाभ मिलने के प्रबल आसार हैं तो वहीं कुछ राशि वालों को सतर्क रहने की जरूरत पड़ेगी। शनि जयंती का राशिफल यहां पढ़ें

16:21 (IST)21 May 2020
शनि जयंती पर ग्रहों की स्थिति क्या दे रही संकेत, जानिये...

इस बार शनि जयंती के दिन 22 मई को वृष राशि में 4 ग्रह सूर्य, बुध, शुक्र और चंद्रमा भी मौजूद होंगे। एक राशि में इन 4 प्रमुख ग्रहों का होना भी दुर्लभ माना जाता है। ज्योतिषशास्त्र में बुध और राहु का संबंध तूफान से माना गया है। इस समय गुरु और शनि भी पृथ्वी तत्व की राशि में वक्री चल रहे हैं। ऐसे में इस बार शनि जयंती पर ग्रहों का यह योग बेहद कष्टकारी है।

15:36 (IST)21 May 2020
Shani Jayanti पर अद्भुत संयोग...

शनि महाराज इस समय मकर राशि में स्थित हैं यह भूमि तत्व की राशि है जिसमें शनि के साथ गुरु भी मौजूद है। ज्योतिष अनुसार ऐसा संयोग 59 साल पहले बना था। इस साल के बाद फिर ऐसा ही संयोग 2080 में बनेगा।

12:04 (IST)21 May 2020
शनिदेव की जन्म कथा...

शनिदेव को सभी ग्रहों में सबसे ज्यादा क्रूर माना जाता है। लेकिन क्या हम जानते हैं कि उनके क्रूर होने की पीछे की क्या कथा है। शनिदेव के जन्म के बारे में स्कंदपुराण के काशीखंड में एक कथा मिलती है कि राजा दक्ष की कन्या संज्ञा का विवाह सूर्यदेवता के साथ हुआ था। सूर्यदेव का तेज बहुत अधिक था, जिसे लेकर संज्ञा परेशान रहती थी। शनिदेव की जन्म कथा...

10:53 (IST)21 May 2020
Shani Jayanti 2020: शनि जयंती पर क्या न करें

शनि जयंती के दिन ध्यान रखें कि घर पर लोहे से बनी कोई चीज ना लेकर आएं। ऐसी मान्यता है कि शनि जंयती पर लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि नाराज हो जाते हैं और ऐसा करने से आर्थिक स्थिति कमजोर हो जाती है।