Shani Jayanti 2024: हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि इस दिन सूर्य देव और माता छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था। शनि को कर्मफल दाता और न्याय का देवता कहा जाता है। इसी के कारण हर एक व्यक्ति को जीवन में कभी न भी शनि की महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या या फिर दोष का सामना करना पड़ता है। वैशाख मास की अमावस्या तिथि के दिन शनिदेव की विधिवत पूजा करने से उसकी शुभ दृष्टि आपके ऊपर पड़ती है। आइए जानते हैं शनि जयंती की सही तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व…

 कब है शनि जयंती 2024?

हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या 7 मई को सुबह 11 बजकर 40 मिनट शुरू हो रही है, जो 8 मई को सुबह 8 बजकर 51 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में वैशाख मास की शनि जयंती 7 मई 2024 को मनाई जाएगी।

शनि जयंती 2024 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, शनि जयंती का शुभ मुहूर्त 7 मई को शाम 5 बजकर 20 मिनट से रात 7 बजकर 1 मिनट तक है।  

शनि जयंती का महत्व

शनि जयंती के दिन भगवान शनि की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। अगर किसी जातक की कुंडली में शनि दोष है या फिर शनि की स्थिति कमजोर है, तो शनि जयंती के दिन व्रत रखकर सरसों का तेल, काला तिल, नीले फूल, शमी के पत्ते आदि चढ़ाने चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

शनि जयंती 2024 पूजा विधि

शनि जयंती के दिन नित्य कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद नीले रंग के वस्त्र धारण करके  शनि मंदिर जाएं। इसके साथ शनि को सरसों का तेल के अलावा शमी की पत्तियां, अपराजिता के नीले फूल आदि चढ़ा दें। इसके बाद विधिवत आरती कर लें। इस बात का ध्यान रखें कि शनिदेव की आंखों में न देंखे। इसके साथ ही शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए उड़द, सरसों का तेल, बादाम, जूते-चप्पल, छाता, लोहा, कोयला आदि वस्तुओं का दान करें।  

शनि मंत्र

 ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शन्यै नम:
ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र

ज्येष्ठ मास की शनि जयंती 2024 कब?

बता दें कि वैशाख माह की शनि जयंती आमतौर पर दक्षिण भारत में मनाई जाती है। इसके साथ ही ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि को भी शनि जयंती मनाते हैं, जो उत्तर भारत में मनाई जाती है। इस साल ज्येष्ठ मास की शनि जयंती 6 जून 2024 को मनाई जाएगी।

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