Shani Jayanti 2022: हर साल ज्येष्ठ अमावस्या के दिन शनि जयंती मनाई जाती है। जो इस बार 30 मई को है। ज्योतिष अनुसार इस दिन का काफी महत्व माना जाता है। भगवान सूर्य व माता छाया के पुत्र शनिदेव को न्याय का देवता भी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा जैसे शनि से जुड़े दोषों से निजात पाने के लिए शनि अमावस्या पर शनिदेव की पूजा का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं महत्व, पूजा- विधि और उपाय…

बन रहे सर्वार्थ ​सिद्धि और सुकर्मा योग:

इस बार शनि जयंती के दिन सर्वार्थ ​सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर मंगलवार, 31 मई को सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। शनि जयंती पर शनि देव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो इस मुहूर्त में पूजा- अर्चना करना आपके लिए बहुत शुभ फलयादी रहेगा। इसके अलावा, सुबह से लेकर रात 11 बजकर 40 मिनट तक सुकर्मा योग भी रहेगा। शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए यह योग बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा, सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक पूजा के लिए शुभ समय रहेगा।

शनि जयंती की पूजा विधि:
शनि जयंती के दिन शनि देव की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर नित्यकर्म और स्नानादि से निवृत होना चाहिए। फिर पूजा करने का संकल्प लें। मंदिर में जाकर शनिदेव की मूर्ति पर तेल, फूल माला आदि चढ़ाएं। बता दें, शनिदेव पर काली उड़द की दाल और तिल चढ़ाना बेहद ही शुभ माना जाता है। फूल और फलों के साथ आप उड़द की दाल और काले तिल भी भगवान शनि की मूर्ति पर अपर्ति करें। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि चालीसा का पाठ करें। चालीसा के बाद शनिदेव की आरती करें और उनको प्रणाम करें। बाद में प्रसाद सभी को बांट दें। बता दें, शनिदेव को दान देने वाले व्यक्ति काफी प्रिय हैं। इस दिन भगवान शनि को प्रसन्न करने के लिए गरीबों को दान दें और उन्हें भोजन कराएं।

इन उपायों को करें:

इन चीजों का करें दान:
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन उपवास रख सकते हैं। इससे शनि ग्रह मजबूत होने की मान्यता है। इसी के साथ शनि जंयती के दिन कुछ न कुछ दान भी जरूर करें। काले कपड़े, काले जूते, काली दाल का दान करना सबसे उत्तम माना गया है।

शनि दोष से मुक्ति पाने का उपाय:
शनि साढ़े साती या शनि ढैय्या चल रही है तो शनि जयंती के दिन शनि मंदिर में काले चमड़े के जूते या चप्पल पहन कर जाएं और घर नंगे पांव लौटे ऐसा करने से शनि दोषों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।

पीपल के पेड़ की पूजा: 
सूर्योदय से पहले पीपल की पेड़ की पूजा करने से शनि देव की कृपा बरसने लगती है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए शनि जयंती के दिन पीपल के पेड़ पर सरसों के तेल में लोहे की कील डालकर चढ़ाएं। पीपल के पेड़ के चारों तरफ कच्चा सूत 7 बार लपेटने से और ऐसा करते हुए शनि मंत्र का जाप करने से शनि देव कृपा बनाते हैं। पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जरूर जलाएं।