Shani Amavasya 2023 Upay: आषाढ़ मास की अमावस्या तिथि आज पड़ रही है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि अमावस्या कहा जा रहा है। शनिवार को अमावस्या पड़ने के कारण इसका अधिक महत्व है। आज के दिन पितरों का तर्पण करा जाता है। इसलिए इसे पितृकार्येषु अमावस्या भी कहते हैं। शनि अमावस्या के दिन काफी शुभ संयोग बन रहे हैं। आज के दिन कुछ खास उपाय करके व्यक्ति शनि दोष, शनि महादशा , शनि साढ़े साती और ढैय्या से निजात पा सकते हैं। जानिए आज के दिन कौन से उपाय करना होगा शुभ।
शनि अमावस्या पर बन रहा खास संयोग
शनि अमावस्या पर एक विशेष संयोग बन रहा है। जहां आज शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री हो रहे हैं। इसके साथ ही आज दो शुभ योग यानी सवार्थ सिद्धि योग और सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है।
कुंडली में कब होती है शनि साढ़े साती और ढैय्या
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि की साढ़े साती और ढैय्या शनि ग्रह के कारण होता है। शनि की साढ़ेसाती तब होती है जब शनि जन्म के चंद्रमा से 12वें, 1 वें और 2 वें भाव में गोचर करता है। वहीं, ढैय्या तब होती है जब शनि जन्म के चंद्रमा से 4 वें या 8वें भाव में गोचर करता है।
शनि साढ़े साती और ढैय्या से छुटकारा पाने के उपाय
करें शनि मंत्र का जाप
आज भगवान शनि की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ “ऊँ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का जाप कर सकते हैं। नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से साढ़े साती और ढैय्या के हानिकारक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
शनि अमावस्या पर रखें व्रत
शनि अमावस्या और शनिवार के दिन व्रत रखना आरंभ कर दें। इस दिन अन्न का त्याग कर दें और फल, दूध आदि का सेवन करें।
शनिदेव को काले तिल करें अर्पित
काले तिल शनि से संबंधित हैं। इसलिए शनि अमावस्या पर आप काले तिल लेकर शनि यंत्र पर चढ़ा दें या शनि मंदिर जाकर शनि देव अर्पित कर सकते हैं।
शनि मंदिर की करें परिक्रमा
शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि शनि मंदिर की एक परिक्रमा जरूर करें। ऐसा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से राहत मिलती है।
करें इन चीजों का दान
शनि अमावस्या पर शनि से संबंधित वस्तुएं जैसे काला वस्त्र, काला कंबल, काली उड़द की दाल, काले तिल, लोहे के बर्तन या सरसों का तेल दान करें। इससे शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है।
करें करें पाठ
शनि चालीसा या शनि स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से शनिदेव अति प्रसन्न होते हैं।