Astro Tips For Morning: कहा जाता है कि अगर दिन की शुरुआत अच्छी हुई हो, तो पूरा दिन अच्छा जाता है। व्यक्ति के कर्म फल ही उनके जीवन को निर्धारण करता है। शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति को दिन की शुरुआत देवी-देवता का ध्यान करने के साथ करना चाहिए। इसके साथ ही स्नान करने के साथ साफ-सुथरे वस्त्र धारण करने के बाद ही अन्य कार्यों को करना चाहिए। अधिकतर लोग इन नियमों का पालन करते हैं। लेकिन इन नियमों में से सबसे जरूरी एक नियम है जिसे सुबह उठते ही सबसे पहले करना चाहिए। मान्यता है कि सुबह उठकर दोनों हाथों को जोड़ अपनी हथेली को देखते हुए एक मंत्र को बोलना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति का पूरा दिन अच्छा जाता है। इसके साथ ही जीवन के हर कष्ट से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं सुबह उठकर किस मंत्र का करना चाहिए जाप…

शास्त्रों के अनुसार, व्यक्ति सुबह उठते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों को एक साथ जोड़कर दर्शन करें। इसके साथ ही इस मंत्र का उच्चारण करें। आप चाहे तो इस मंत्र को एक बार या फिर अधिक बार उच्चारण कर सकते हैं।

सुबह करें इन मंत्र का जाप

ये मंत्र आचार प्रदीप नामक ग्रंथ में लिखा है। ये मंत्र इस प्रकार से है

कराग्रे वसति लक्ष्मीः,कर मध्ये सरस्वती।
करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।।’

इस मंत्र का अर्थ है कि हथेलियों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में देवी सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविंद यानी विष्णु का निवास है। उनके सुबह के समय दर्शन कर रहा है।

इस मंत्र को पड़ने से धन की देवी लक्ष्मी, ज्ञान की देवी सरस्वती और सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्ति होती है और जीवन में खुशियां बनी रहती हैं।

सुबह उठते ही ऐसे बोले ये मंत्र

सुबह उठते ही बिस्तर में बैठे ही बैठे अपनी दोनों हथेलियों को जोड़कर खुली किताब की तरह कर लें। इसके बाद इस श्लोक को बोले। इस श्लोक का उच्चारण करने करने के बाद हथेलियों को अपने मुंह में अच्छी तरह से फेर लें। ऐसा करने से आपका शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाएगा।

जमीन में पैर रखने से पहले करें ये काम

इस मंत्र को बोलने के बाद बिस्तर से जमीन यानी धरती में पैर रखें। पैर रखने से पहले उसे छुएं जरूर, क्योंकि धरती मां हमारा भार उठाती है। इसके साथ ही आप चाहे, तो श्लोक का पाठ कर सकते हैं।

समुद्रवसने देवि पर्वतस्तनमण्डिते ।
विष्णुपत्नि नमस्तुभ्यं पादस्पर्शं क्षमस्व मे ॥

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।