Sawan Pradosh Vrat 2023 Date: हर मास के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को पड़ने वाला प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। शनिवार के दिन पड़ने के कारण इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाएगा। सावन प्रदोष व्रत के दौरान भगवान शिव की विधिवत पूजा करने के साथ रुद्राभिषेक करने से अधिक शुभ फलों की प्राप्ति होती है। माना जाता है कि भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को रोग, दोष और भय से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही सुख-संपदा और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। जानिए सावन मास का पहला प्रदोष व्रत कब है? इसके साथ ही जानिए पूजा मुहूर्त और महत्व।

सावन प्रदोष व्रत तिथि (Sawan Pradosh Vrat 2023 Date)

सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ: 14 जुलाई, दिन शुक्रवार को रात 7 बजकर 17 मिनट
सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का समापन: 15 जुलाई, शनिवार को रात 8 बजकर 32 मिनट
उदया तिथि के अनुसार, सावन माह का पहला प्रदोष व्रत 15 जुलाई को रखा जाएगा।

सावन प्रदोष व्रत 2023 पूजा मुहूर्त (Sawan Pradosh Vrat 2023 Puja Muhurat)

प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त आरंभ: 15 जुलाई को रात 7 बजकर 21 मिनट से शुरू
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त समापन: 15 जुलाई को रात 9 बजकर 24 मिनट पर समाप्त
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त अवधि: 2 घंटे 2 मिनट

सावन प्रदोष व्रत 2023 महत्व (Sawan Pradosh Vrat 2023 Mahatva)

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इसके साथ ही सावन मास में पड़ने वाले प्रदोष व्रत के दिन उपवास रखने और भगवान शिव का पूजा करने से व्यक्ति को समस्त पापों और समस्याओं से मुक्ति मिल जाती है। इसके साथ ही शत्रुओं का नाश होता है। बार-बार होने वाले रोगों से मुक्ति मिल जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा हमेशा बनी रहती है।

सावन प्रदोष व्रत 2023 पूजा विधि (Sawan Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)

ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान आदि कर लें। इसके बाद साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें। फिर शव जी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प लें। प्रदोष व्रत के दिन सुबह के समय शिवलिंग में जल, बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, सफेद चंदन, मिठाई, भोग , धूप, दीप जला दें। बिना अन्न, नमक खाएं दिनभर व्रत रखें। शाम को प्रदोष काल में पुन; स्नान आदि करके शिव जी की पूजा आरंभ करें। विधिवत पूजा करने के साथ चालीसा, व्रत कथा के साथ मंत्रों का जाप करें।

FAQ

कब है सावन का दूसरा प्रदोष व्रत?

सावन मास का दूसरा प्रदोष व्रत 30 जुलाई 2023 को पड़ेगा।

कब लगता है प्रदोष काल?

पंचांग के अनुसार, प्रदोष काल सूर्यास्त से लगभग 45 मिनट पहले शुरू होता है और 45 मिनट बाद तक मान्य होता है।

साल 2023 में कितने होंगे प्रदोष व्रत

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। लेकिन इस साल अधिक मास होने के कारण 2 प्रदोष व्रत बढ़ गए हैं। इसलिए पूरे 26 प्रदोष व्रत पड़ेंगे।

प्रदोष व्रत में किस देवता की होती है पूजा

प्रदोष व्रत भगवान शिव से संबंधित है। इसलिए इनकी पूजा करने का विधान है।