Shani Upay: 3 अगस्त को रक्षाबंधन है। इस दिन सावन पूर्णिमा और सावन का आखिरी सोमवार भी है। शनि साढ़े साती और ढैय्या से परेशान लोगों के लिए यह अच्छी खबर है कि सावन के आखिरी सोमवार वाले दिन शनि प्रदोष योग लग रहा है। सावन के आखिरी और पांचवें सोमवार वाले दिन इस योग को शुभ फल देने वाला माना जा रहा है। सावन पूर्णिमा के दिन शनि प्रदोष योग में भगवान शिव की आराधना करने वाले व्यक्ति पर शनिदेव की कृपा होती है। आइए जानते हैं कि किन उपायों को करने से शनि दोषों से मिलेगा राहत –
क्या कहती हैं पौराणिक कथाएं: पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार शनिदेव भगवान शिव का पूजन करते हैं और जो व्यक्ति भगवान शिव की सच्चे मन से आराधना करता है। उसे कभी भी कष्ट नहीं पहुंचाते हैं। क्योंकि शिव उनके आराध्य हैं इसलिए उनका पूजन करने वाला व्यक्ति शनिदेव के लिए दण्ड का पात्र नहीं रहता है। सावन पूर्णिमा 2020 में यह संयोग साढ़े साती और ढैय्या से नकारात्मक प्रभावों से दुखी जीवन जी रहे लोगों के बीच एक उम्मीद बनकर आया है।
सावन पूर्णिमा के दिन करें ये उपाय: जिन लोगों की राशि में ढैय्या और साढ़े साती चल रही है, उन्हें सावन पूर्णिमा के दिन किसी मंदिर या खाली स्थान पर पीपल का पेड़ जरुर लगाना चाहिए। साथ ही सावन पूर्णिमा की शाम “ॐ हौं जूं सः” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” या “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें। इसके अलावा किसी कुष्ठ रोगी या निर्धन व्यक्ति को काले कपड़े का दान करना बहुत लाभकारी रहेगा।
ऐसा करने से भी होगा लाभ: शनि से जुड़े दोष दूर करने और उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है। शिव सहस्त्रनाम का पाठ करें। साथ ही भगवान शिव के पंचाक्षरी नामों का जप करें। यह पंचाक्षरी शुभ फलों को देने वाला है। इस दिन शमी का पौधा जरुर लगाएं। ऐसा करने से न केवल साढ़े साती और ढैय्या से राहत मिलेगी बल्कि आपके पूरे परिवार को भी शनिदेव की कृपा प्राप्त होगी। सावन पूर्णिमा के दिन भगवान शनि को अपराजिता का पुष्प अर्पित करना चाहिए। भगवान शिव के पूजन और उनकी कृपा से शनिदेव से मिलने वाले सभी दण्डों का नाश हो जाता है। सावन पूर्णिमा के दिन यह उपाय करने से शनिदेव के प्रकोप से बचा जा सकता है।