Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। यह दिन महादेव और मां पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए शुभ माना जाता है। आपको बता दें कि सावन का आखिरी प्रदोष व्रत 06 अगस्त को किया जाएगा। इस व्रत को करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। वहीं यहां हम आपको ऐसे स्त्रोत के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका प्रदोष व्रत पर पाठ करने से महादेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही धन- दौलत की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं ये लकी राशियां कौन सी हैं… 

Palmistry: हथेली में ऐसी शनि रेखा होने पर जीवन में खूब मिलता धन और प्रतिष्ठा, शनि देव की कृपा से बनते हैं सभी कार्य, चेक करें अपना हाथ

प्रदोष व्रत 2025 डेट और शुभ मुहूर्त (Pradosh Vrat 2025 Date and Shubh Muhurat)

वैदिक पंचांग के मुताबिक सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 06 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 07 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 07 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 28 मिनट पर तिथि का समापन होगा। ऐसे में 06 अगस्त को प्रदोष व्रत किया जाएगा। वहीं शुभ मुहूर्त शाम को 6 से बजे से 7 बजकर 15 मिनट तक है।

ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 20 मिनट से 05 बजकर 03 मिनट तक

विजय मुहूर्त – दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से 03 बजकर 34 मिनट तक

गोधूलि मुहूर्त – शाम 07 बजकर 08 मिनट से 07 बजकर 30 मिनट तक

निशिता मुहूर्त – रात 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक

लिंगाष्टकम स्तोत्र – Shiv Lingastakam Stotra

ब्रह्ममुरारिसुरार्चितलिङ्गं निर्मलभासितशोभितलिङ्गम् ।
जन्मजदुःखविनाशकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥१॥

देवमुनिप्रवरार्चितलिङ्गं कामदहं करुणाकरलिङ्गम् ।
रावणदर्पविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥२॥
सर्वसुगन्धिसुलेपितलिङ्गं बुद्धिविवर्धनकारणलिङ्गम् ।
सिद्धसुरासुरवन्दितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥३॥
कनकमहामणिभूषितलिङ्गं फणिपतिवेष्टितशोभितलिङ्गम् ।
दक्षसुयज्ञविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥४॥
कुङ्कुमचन्दनलेपितलिङ्गं पङ्कजहारसुशोभितलिङ्गम् ।

सञ्चितपापविनाशनलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥५॥
देवगणार्चितसेवितलिङ्गं भावैर्भक्तिभिरेव च लिङ्गम् ।
दिनकरकोटिप्रभाकरलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥६॥
अष्टदलोपरिवेष्टितलिङ्गं सर्वसमुद्भवकारणलिङ्गम् ।
अष्टदरिद्रविनाशितलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥७॥
सुरगुरुसुरवरपूजितलिङ्गं सुरवनपुष्पसदार्चितलिङ्गम् ।
परात्परं परमात्मकलिङ्गं तत् प्रणमामि सदाशिवलिङ्गम् ॥८॥
लिङ्गाष्टकमिदं पुण्यं यः पठेत् शिवसन्निधौ।
शिवलोकमवाप्नोति शिवेन सह मोदते॥

297 साल बाद रक्षाबंधन पर बन रहा 6 ग्रहों का दुर्लभ संयोग, इन राशियों का शुरू होगा गोल्डन टाइम, करियर और कारोबार में तरक्की के योग

लिंगाष्टकम स्तोत्र के अलावा आप इन मंत्रों का जाप कर सकते हैं…

भगवान शिव का गायत्री मंत्र – Lord shiva gaytri mantra

ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥

महामृत्युंजय मंत्र – Mahamrityunjay mantra

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

शिव ध्यान मंत्र – Shiv dhyan mantra

करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा । श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं । विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व । जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

रुद्र मंत्र – Lord shiva rudra mantra’s

ॐ नमो भगवते रुद्राये।।

शिव जी का पंचाक्षरी मंत्र – Shiva’s five letter mantra

नम: शिवाय

इन मत्रों को भी जप सकते हैं

ॐ हौं जूं सः ।।
श्री महेश्वराय नम:।।
श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
श्री रुद्राय नम:।।
ॐ नमो नीलकण्ठाय नम:।।

रक्षाबंधन बाद गुरु बृहस्पति की चाल में होगा बदलाव, इन राशियों के शुरू होंगे अच्छे दिन, करियर और कारोबार में तरक्की के योग

यह भी पढ़ें…

मेष राशि का वर्षफल 2025
वृष राशि का वर्षफल 2025
मिथुन राशि का वर्षफल 2025कर्क राशि का वर्षफल 2025
सिंह राशि का वर्षफल 2025
कन्या राशि का वर्षफल 2025
तुला राशि का वर्षफल 2025वृश्चिक राशि का वर्षफल 2025
धनु राशि का वर्षफल 2025मकर राशि का वर्षफल 2025
कुंभ राशि का वर्षफल 2025मीन राशि का वर्षफल 2025