हिंदुओं के लिए श्रावण मास की काफी मान्यता है। कहते हैं कि इस पूरे महीने भगवान शिव की पूजा करने से सभी मनोकामना पूरी होती है। सावन महीने के सोमवार को पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना करके अगर वर्त रखा जाए तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। हिंदी कैलेंडर के अनुसार सावन पांचवां महीना होता है। जो व्यक्ति सच्चे मन से व्रत रखता है और शिव की उपासना करता है, उसे फल जरूर मिलता है।
सावन के सोमवार कुंवारी लड़कियां के लिए काफी खास माने जाते हैं। कहते है कि सावन में भगवान शिव की उपासना करने से लड़कियों को मनचाहा वर मिलता है। इस साल सावन 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और इसका समापन 12 अगस्त को होगा। आज हम आपको बताएंगे कि सावन पूजा किस तरह की जाती है और क्या चीजें वर्जित होती हैं।
भगवान शिव का दूसरा नाम भोलेनाथ भी है। उन्हें प्रेम भाव से अगर पूजा जाए तो वो आपकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं। सावन के महीने में भगवान शिव को धतूरा, बेल पत्र, भांग के पत्ते या भांग, दूध, काले तिल, गुड़ आदि चढ़ाना शुभ माना जाता है।
सावन के सोमवार: सावन मास का पहला सोमवार 18 जुलाई को पड़ रहा है। इसके बाद दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार 1 अगस्त, चौथा सोमवार 8 अगस्त को पड़ रहा है। आखिरी सावन 12 अगस्त को हैं और इस दिन शुक्रवार पड़ रहा है।
ऐसे करें भगवान शिव की पूजा: सावन में ध्यान रखें कि भगवान शिव को स्वच्छता अति प्रिय है, इसलिए साफ सफाई का खास ध्यान रखें। सुबह सबसे पहले जल्दी उठकर स्नान करलें और साफ कपड़ें पहने। घर में बने पूजा स्थान को साफ करें। ध्यान रहे कि भगवान को चढ़ाए हुए पिछले दिन के फूल हटाकर पूजाघर को अच्छे से स्वच्छ कर लें। इसके बाद भगवान शिव का जल से अभिषेक करें। अगर आप घर में पूजा कर रहे हैं या मंदिर जा रहे हैं तो भी शिवलिंग पर गंगाजल और दूध चढ़ाएं। इसके बाद शिवलिंग पर फूल चढ़ाएं, बेलपत्र चढ़ाएं और चंदन लगाकर उनकी आरती करें।
सावन में भूल से भी ना करें ये काम: सावन के महीने में हरि सब्जियां खाना वर्जित होता है। अगर आप पालक, लाल साग, बथुआ खाने का सोच रहे हैं तो भूल जाइए। सावन में ये सब नहीं खाया जाता। इसके अलावा नॉनवेज, शराब, लहसुन, प्याज, तंबाकू, सिगरेट आदि का सेवन करने से भगवान नाराज हो सकते हैं।
