Sawan Somwar 2022, Sawan Ka Aakhari Somwar, Sawan Somwar Vrat 2022: सावन का महीना भोलेनाथ को समर्पित माना जाता है। इस महीने लोग शिवलिंग का रुद्राभिषेक करते हैं और व्रत रखते हैं। आपको बता दें कि सावन के 3 सोमवार निकल चुके हैं और सावन का अंतिम सोमवार 8 अगस्त को है। वहीं इस दिन पुत्रदा एकादिशी का भी संयोग बन रहा है। इसलिए इस दिन का महत्व ज्योतिषीय दृष्टिकोण से और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…
बन रहा है ये शुभ संयोग
वैदिक पंचांग के अनुसार आंतिम सोमवार पर एकादशी और रवि योग का संयोग बन रहा है। इस दिन पुत्रदा एकादशी भी है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना से समस्त पाप खत्म हो जाते हैं। वहीं रवि योग में शिव-विष्णु की पूजा बहुत मंगलकारी मानी जाती है।
सावन सोमवार 2022 मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त : 04.29 AM – 05.13 AM
अभिजित मुहूर्त : 12.07 PM – 12.59 PM
गोधूलि मुहूर्त : 06.58 PM – 07.22 PM
रवि योग : सुबह 05 बजकर 45 मिनट से दोपहर 02 बजकर 38 मिनट तक (8 अगस्त 2022)
अमृत काल: 06:31 AM से 07:59 AM
निशिता मुहूर्त: 12:06 AM, अगस्त 09 से 12:48 AM, अगस्त 09
जानिए पूजन विधि
सावन के अंतिम सोमवार पर सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें। क्योंकि इस दिन रवि योग है। रवि योग में सूर्य देव को अर्घ्य देने से आरोग्य की प्राप्ति होती है। इसके बाद गंगागल हाथ में लेकर व्रत का संकल्प लें और सर्वप्रथम गणेश जी की प्रार्थना करेंं। इसके बाद भगवान शिव का जलाभिषेक करें। सावन सोमवार पर अगर हो सके तो पार्थिव (मिट्टी के शिवलिंग) बनाएं। पार्थिव शिवलिंग का रुद्राभिषेक करना मंगलकारी माना जाता है। शिव जी का पंचाक्षर मंत्र ऊं शिवायै’ नमः का जाप करते हुए भोलेनाथ संग मां पार्वती का षोडशोपचार पूजन करें। साथ ही दूध, दही, घी, शक्कर, पंचामृत, रोली, मौली, अक्षत, बेलपत्र, धतूर, शमी, भांग, भस्म, भौडल, चंदन, रुद्राक्ष, आंक के पुष्प आदि अर्पित करें। इसके बाद सहपरिवार सहित शिव चालीसा का पाठ और आरती करें।
ये करें उपाय
1- ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ। सावन के सोमवार पर महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप से आरोग्य की प्राप्ति होती है।
2- धन में वृद्धि के लिए सावन के सोमवार पर रात को 9 से 10 बजे के आसपास शिवलिंग के पास घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।
3- शिव पुराण अनुसार हर रोज जल में काले तिल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।
4-शिव पुराण के अनुसार श्रावण के मास में सोमवार को उपवास यानी व्रत करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी मन की चंचलता दूर होती है, जिससे आपके अंदर निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है।