शनि 24 जनवरी 2020 से ही मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। शनि ग्रह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करने में करीब ढाई साल का समय लगाते हैं। वैदिक ज्योतिष के मुताबिक हर ग्रह एक निश्चित अवधि पर गोचर करता है। जिसका सीधा प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है।
ज्योतिष के अनुसार शनि कुंभ राशि में लगभग 30 साल बाद गोचर करने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में शनि को न्यायाधीश का पद प्राप्त है। मतलब शनि देव कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। इसलिए इनके गोचर का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा। पिछले वर्ष यानि 2021 में शनि का राशि परिवर्तन नहीं हुआ था। लेकिन इस साल यानि 2022 में शनि अपनी राशि बदलेंगे। 29 अप्रैल 2022 में शनि कुंभ राशि में आ जाएंगे। जो इन तीन राशि वालों के लिए महत्वपूर्ण होगा।
वृषभ राशि: शनि देव के गोचर करने से वृषभ राशि के जातकों के लिए समय बहुत अनुकूल नहीं रहने वाला है । जातकों को शनि देव परिश्रम करने के लिए कह रहे हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार परिश्रम करने वालों पर शनि की विशेष दृष्टि रहती है, चूंकि शनि देव को कर्मफल दाता कहा गया है। ऐसे लोगों मेहनत करने वाले लोगों को शनि देव कभी परेशान नहीं करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि का यह गोचर जॉब और करियर के मामले में शुभ होने जा रहा है। वहीं जातकों को लव लाइफ में कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
कर्क राशि: ज्योतिषाचार्यों के अनुसार शनि का यह राशि परिवर्तन कर्क राशि वालों के लिए चुनौतियां लेकर आ रहा है। दरअसल शनि के इस गोचर के साथ ही कर्क राशि वालों पर शनि की ढैय्या आरंभ होगा। चूंकि ज्योतिष के अनुसार शनि की ढैय्या धन, सेहत और दांपत्य जीवन को प्रभावित कर सकती है।
इसलिए गोचर के दौरान जातकों के जीवन में आर्थिक परेशनियां आ सकती हैं, क्योंकि इस दौरान धन का व्यय अधिक होगा। जातक को रोग आदि भी परेशान कर सकते हैं। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह समय चुनौतियों भरा रहने वाला है। इसलिए विशेष सावधानी बरतें।
मीन राशि: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि के गोचर के साथ ही मीन राशि के जातकों पर शनि की साढ़ेसाती आरंभ हो जाएगी। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक यह समय जातक के लिए कई मामलों में चुनौतियां लेकर आ सकता है। इस दौरान जातक को अधिक मेहनत करना होगा, मानिसक तनाव हो सकता है इसलिए सेहत का भी ध्यान रखना होगा।
वैवाहिक जीवन में संतान सुख की प्राप्ति की कामना करने वालों को अपने सेहत के प्रति सजग रहना होगा। विद्यार्थियों को सफलता पाने के लिए अधिक परिश्रम करना होगा। कर्ज लेने से बचें साथ ही चोट आदि लगने का भी भय रहेगा।
