शनिदेव अत्यंत ही विशिष्ट देव हैं। वे ग्रह भी हैं और देवता भी। उनका प्रताप ऐसा है कि वे क्रोधित होने पर राजा को रंक और प्रसन्न होने पर रंक को राजा बना देते हैं। वही शनिदेव 05 जून 2022 से वक्री हो गए हैं।

तीर्थराज प्रयागराज के सुप्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य व वास्तु विशेषज्ञ प्रणव ओझा ने जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत के दौरान बताया कि शनि देव पूरे 141 दिनों के लिए वक्री हुए हैं। 11 जुलाई तक यह कुम्भ राशि में वक्री रहेंगे और 12 जुलाई 2022 को ये कुंभ से मकर राशि में प्रवेश कर जायेंगे।। शनि देव का यह वक्र काल किन राशियों के लिए विफलता या परेशानियों का कारण बनने वाला हैं हम इस लेख में जानेंगे-

मेष राशि : वास्तुविद प्रणव ओझा के अनुसार शनि का वक्री चाल मेष राशि वालों के लिए दिक्कतें ला सकता है। शनि देव थोड़ा आपको परेशान करेंगे, आपसी रिश्तों में परेशानी आएगी, तनाव बढ़ेगा। प्रेम संबंध में कटुता, बनता काम बिगड़ना, दोस्त धोखाधड़ी करें आपके साथ, जिनपर आपको भरोसा था उनसे आपको धोखा मिलना, व्यर्थ की यात्राएं और वह यात्रा भी कष्टप्रद हो, यात्रा में भी धन धान्य की समस्या। यानी कुल मिलाकर आपको सावधान रहने की सलाह दी जाती हैं। विशेष रूप से स्वास्थ्य को लेकर सावधानी बरतनी पड़ेगी।

उपाय: मेष राशि के जातकों को हनुमान जी की शरणागती परेशानियों से बचाएगी

कर्क राशि: एस्ट्रो प्रणव ओझा के अनुसार कर्क राशि वालो के लिए दिक्कतें बढ़ जाएगी। यह शनि देव की वक्र चाल आपके लिए काम में रूकावटें लाएगी, जैसे आपका बनता काम बिगड़ जायेगा, जैसे आपकी ज्वाइनिंग का लेटर आने वाला था रुक जाएगा। यह समय जीवनकाल में परेशानियों को बढ़ाने आ रहा हैं। बीमारी बढ़ जायेगी, पुराना रोग वापस आ जायेगा। हालांकि यह काफी कुछ इस पर भी निर्भर करता हैं की आपकी कुंडली में शनि देव किस अवस्था में हैं, फिर भी यह समय आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है।

उपाय: नित्य हनुमानजी के मंदिर जाकर दर्शन करें & उनके चरणों के सिंदूर से तिलक करें

सिंह राशि: वास्तुविद प्रणव ओझा के अनुसार अगर शनिदेव वक्री नहीं हैं तो दाम्पत्य जीवन में कठिनाई ,स्वास्थ्य में परेशानी, कार्यक्षेत्र में उच्चाधिकारी का सहयोग मिलना बंद हो जायेगा, अनबन की संभावना हैं जहां भी रहिएगा अनबन-मतभेद। कुल मिलाकर यह जानिए यह गोचर कष्टदायी हो जायेगा। अगर आपके कुंडली में शनि देव वक्री हैं तब फिर यह गोचर बहुत अच्छा होगा विशेष लाभ विशेष उन्नति बहुत बढ़िया बेहद सकारात्मक दिखाई पड़ रहा हैं सारी कमियां दूर होती दिखाई पड़ रही हैं। आप अपनी जन्मकुंडली में देखिए शनि देव वक्री हैं या नहीं हैं। अगर नही हैं तो शनि देव आपको काफी कष्ट पहुंचा सकते हैं।

उपाय: प्रत्येक शनिवार को शनिदेव के मंदिर में सरसों के तेल का चौमुखा दीपक जलाएं।