Makar Sankranti 2018: मकर संक्रांति हिंदुओं का प्रमुख पर्व माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह में जब सूर्य मकर राशि में आता है तब ये पर्व मनाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माना जाता है कि इस दिन देव भी धरती पर अवतरित होते हैं और आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के दिन पुण्य, दान, जप तथा धार्मिक अनुष्ठानों का महत्व माना जाता है। इस दिन भगवान को खिचड़ी का भोग लगाया जाता है। कई स्थानों पर इस दिन मृत पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए खिचड़ी दान करने की परंपरा भी माना जाती है।

गुजरात में तो मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाकर यह त्योहार मनाने का चलन काफी प्रचलित है। पतंग उड़ाने का रिवाज मकर संक्रांति के साथ जुड़ा हुआ है। मकर संक्रांति के दिन अक्सर अपने घरों की छतों से पतंग उड़ाकर इस त्योहार का जश्न मनाते हैं। कई जगहों पर तो पतंग उड़ाने की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं। इस अवसर पर लोग भले ही पतंग उड़ाने का आनंद लेते हैं लेकिन वह इस बात से अनजान होते है कि इस दिन सूर्य से मिलने वाली धूप का उनके शरीर को फायदा मिलता है। कहा जाता है कि सर्दियों में हमारा शरीर खांसी, जुकाम और अन्य कई संक्रमण से प्रभावित होता है मकर संक्रांति के दिन सूर्य उतारायण में होता है।

मकर संक्रांति 2018 स्नान शुभ मुहूर्त और पूजा विधि: जानें पवित्र नदियों में संक्रांति के स्नान का क्या है शुभ समय

सूर्य के उतरायण में जाने के समय उससे निकलने वाली सूर्य की किरणें मानव शरीर के लिए औषधि का काम करती हैं। इसलिए पतंग उड़ाने के शरीर को लगातार शरीर को सूर्य से सेंक मिलता है और उससे हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। मकर संक्रांति के दिन गंगास्नान का महत्व भी माना जाता है। पवित्र नदियों गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल प्रयाग में माघ मेला लगता है और संक्रांत के स्नान को महास्नान कहा जाता है। इस दिन हुए सूर्य गोचर को अंधकार से प्रकाश की तरफ बढ़ना माना जाता है। माना जाता है कि प्रकाश लोगों के जीवन में खुशियां लाता है। इसी के साथ इस दिन अन्न की पूजा होती है और प्रार्थना की जाती है कि हर साल इसी तरह हर घर में अन्न-धन भरा रहे।