Sankashti Chaturthi August 2020: हेरम्ब संकष्टी चतुर्थी व्रत 7 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को आने वाली संकष्टी चतुर्थी व्रत को हेरम्ब व्रत कहा जाता है। इस दिन लोग शुभता और खुशहाली के लिए गौरी पुत्र गणेश की आराधना करते हैं। संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) व्रत अत्यंत फलदायक माना जाता है। संकटहर्ता भगवान श्री गणेश से संकटों से मुक्त करवाने की कामना के साथ यह व्रत किया जाता है। संकष्टी चतुर्थी पर जानिए भगवान गणेश को प्रसन्न करने के ऐसे मंत्र जिनके जाप से सभी मनोकामनाएं पूरी होने की है मान्यता
भगवान गणेश का बीज मंत्र गं हैं।
गणेश तांत्रिक मंत्र
ॐ ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरु गणेश।
ग्लौम गणपति, ऋदि्ध पति, सिदि्ध पति। मेरे कर दूर क्लेश।
ऐसी मान्यता है कि इस मंत्र का 108 बार जप कर व्यक्ति अपनी सभी मनोकामनाओं को भगवान गणेश को बताता है तो गणेश उस पर कृपा कर जल्द से जल्द उसकी मनोकामनाओं की पूर्ति करते हैं।
गणेश कुबेर मंत्र
ॐ नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।
इस मंत्र का जाप भगवान गणेश से धन की कामना करने के लिए किया जाता है। जिन लोगों को धन की इच्छा हो वो संकष्टी चतुर्थी वाले दिन इस मंत्र का 7 माला जाप करें। जप के बाद अपने हाथ से कुछ दान भी करें।
गायत्री गणेश मंत्र
ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात।
गायत्री गणेश मंत्र का जाप भगवान गणेश से घर-परिवार में सुख-समृद्धि में वृद्धि की कामना से किया जाता है। यह मंत्र सच्ची शांति देता है। इस मंत्र का 108 बार जाप करने से मन को शांति मिलती है।
षडाक्षर मंत्र
ॐ वक्रतुंडाय हुम्
यह मंत्र मनोकामना पूर्ति का अचूक उपाय माना जाता है। इस मंत्र की 5 माला करने के बाद भगवान गणेश को हाथ जोड़कर अपनी मनोकामना सुनाने से भगवान गणेश अपने भक्त से प्रसन्न होकर उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
उच्छिष्ट गणपति का मंत्र
ॐ हस्ति पिशाचि लिखे स्वाहा
भगवान गणेश का यह मंत्र शुभ फलदायक है। जो भी व्यक्ति इस मंत्र का कम से कम 2 माला जप करता है। उसे भगवान श्री गणेश की कृपा का अनुभव होता है।
कलह निवारण मंत्र
गं क्षिप्रप्रसादनाय नम:
गणेश भगवान का यह मंत्र कलह निवारण है। घर-परिवार या कार्यस्थल पर होने वाले कलहों से मुक्ति पाने के लिए गणेश भगवान के समक्ष संकल्प लेकर इस मंत्र का 5 माला जाप करें। कलह दूर होगा।
लक्ष्मी विनायक मंत्र
ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
भगवान श्री गणेश के साथ माता लक्ष्मी की कृपा का सीधा अर्थ धन-धान्य में बढ़ोतरी से है। यह मंत्र भक्त को लक्ष्मी-गणेश दोनों का आशीर्वाद प्रदान करने वाला है।
विवाह हेतु मंत्र
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
ऐसा कोई व्यक्ति जिसके विवाह में विघ्न आ रहा हो या कुछ परेशानियों की वजह से शादी न हो पा रही हो तो ऐसे व्यक्ति को संकष्टी चतुर्थी वाले दिन भगवान गणेश के समक्ष दीप जलाकर इस मंत्र का 11 माला जाप करें। साथ ही पीली वस्तु का भी दान करें।