हर किसी के शरीर के किसी ना किसी अंग पर तिल होता है। इन तिलों का ज्योतिषशास्त्र में गहरा महत्व बताया गया है। समुद्र शास्त्र की मानें तो शरीर पर जो चिह्न होते हैं उसमें तिल का काफी महत्व है। तिल के बारे में विशेषज्ञों का कहना है कि तिल आपके बारे में कुछ ना कुछ जानकारियां देता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि अगर आपकी हथेली में तिल है तो ये आपके बारे में कई गहरे राज बताता है। समुद्र शास्त्र के अनुसार हर तिल से जुड़ी कुछ खास बातें होती हैं। सामुद्रिक शास्त्र में तिल के बारे में शारीरिक अंगों पर मौजूद तिलों से बारे में जानकारियां दी गई हैं। आज हम लाए हैं आपके लिए तिल के बारे में जुडी जानकारियां, जिसे पढ़कर आप जाने सकते हैं आपके शरीर के अंग पर मौजूद तिल क्या कहता है।
लाल रंग का तिल: शरीर पर आपने काले रंग के तिल को देखा है लेकिन अगर आपके शरीर पर कोई लाल रंग का तिल है तो ऐसे व्यक्ति की हड्डियों में शिकायत मिल सकती है वहीं इस तरह के व्यक्ति को अपने दर्द के प्रति सचेत रहना चाहिए।
अनामिका उंगली पर तिल: अगर किसी व्यक्ति की अनामिका अंगुली के ठीक नीचे अगर कोई तिल है तो ये आंखों की कमजोरी की ओर इशारा करता है। ऐसे व्यक्ति को अपनी आंखों को लेकर सचेत रहना चाहिए। वहीं अगर अनामिका अंगुली के तीसरे भाग पर तिल है तो इसका मतलब है कि ऐसा व्यक्ति मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ-साथ आत्म विश्वास की भी कमी है।
मस्तिष्क पर तिल: सामुद्रिक शास्त्र में दी गई जानकारी के अनुसार अगर किसी व्यक्ति के मस्तिष्क पर तिल है वह बहुत समझदार और तार्किक होता है। वहीं अगर किसी की हथेली पर तिल है तो वह बहुत धनवान होता है। ऐसे व्यक्ति के पास पैसे की कमी नहीं रहती।
पेट पर तिल: जिस व्यक्ति के पांव के नीचे तिल का निशान है तो उसे जिंदगी में घूमने के बहुत मौके मिलते हैं। अगर किसी के पेट पर तिल है तो उसे सारी जिंदगी बहुत स्वादिष्ट भोजन मिलता है।
उंगलियों पर तिल: विशेषज्ञों के अनुसार अनामिका अंगुली के नीचे सूर्य पर्वत होता है। अगर किसी व्यक्ति के इस भाग में तिल है तो ये दर्शाता है कि ऐसे व्यक्ति को गुस्सा बहुत आता है। ऐसा व्यक्ति अपने कामों से अपनी प्रतिष्ठा को समाप्त करने वाला होता है।
वहीं अगर इसी अंगुली के दूसरे भाग में तिल है तो ये आपके कमजोर रिश्तों की ओर इशारा करता है। यहां तिल होना दर्शाता है कि ऐसे व्यक्ति का कोई भी रिश्ता मजबूती से आगे नहीं बढ़ पाएगा। चाहे वो रिश्ता माता-पिता हो या जीवनसाथी के साथ।