Saint Kabir Jayanti 2019 Wishes Images, Quotes: संत कबीर जयंती ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस साल 17 जून, सोमवार को यानि आज कबीर जयंती मनाई जा रही है। मान्यता है कि संत कबीर का जन्म 1455 संवत, ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को हुआ था। इन्हें कबीर दास या कबीर साहब के नाम से भी पुकारा जाता है। साथ ही इनके नाम पर कबीरपंथ नामक संप्रदाय आज भी प्रचलित है। इस संप्रदाय के लोग संत कबीर को भगवान के रूप में पूजते हैं। कबीर जयंती को पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर लोग अपने दोस्तों, सगे-संबंधियों और अपने चाहने वालों को शुभकामना संदेश भेजते हैं। आप भी इस अवसर पर अपनों को इन Wishes Images, Quotes और दोहों के जरिए विश कर सकते हैं।
1. चाह मिटी, चिंता मिटी मनवा बेपरवाह।
जिसको कुछ नहीं चाहिए वह शहनशाह॥
कबीरदास जी कहते हैं कि जब से पाने चाह और चिंता मिट गयी है, तब से मन बेपरवाह हो गया है। इस संसार में जिसे कुछ नहीं चाहिए बस वही सबसे बड़ा शहंशाह है।
2. गुरु गोविंद दोउ खड़े, काके लागूं पांय ।
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो मिलाय ॥
कबीर दास जी इस दोहे में कहते हैं कि अगर हमारे सामने गुरु और भगवान दोनों एक साथ खड़े हों तो आप किसके चरण स्पर्श करेंगे? गुरु ने अपने ज्ञान से ही हमें भगवान से मिलने का रास्ता बताया है इसलिए गुरु की महिमा भगवान से भी ऊपर है और हमें गुरु के चरण स्पर्श करने चाहिए।
3. यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान।
शीश दियो जो गुरु मिले, तो भी सस्ता जान ।।
कबीर दास जी कहते हैं कि यह जो शरीर है वो विष (जहर) से भरा हुआ है और गुरु अमृत की खान हैं। अगर अपना शीश(सर) देने के बदले में आपको कोई सच्चा गुरु मिले तो ये सौदा भी बहुत सस्ता है
4. निंदक नियेरे राखिये, आँगन कुटी छावायें।
बिन पानी साबुन बिना, निर्मल करे सुहाए।।
कबीर दास जी कहते हैं कि निंदक (हमेशा दूसरों की बुराइयां करने वाले) लोगों को हमेशा अपने पास रखना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोग अगर आपके पास रहेंगे तो आपकी बुराइयां आपको बताते रहेंगे और आप आसानी से अपनी गलतियां सुधार सकते हैं। इसलिए कबीर जी ने कहा है कि निंदक लोग इंसान का स्वभाव शीतल बना देते हैं।
5. बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय।
जो मन देखा आपना, मुझ से बुरा न कोय।।
कबीर दास जी कहते हैं कि मनुष्य अपना सारा जीवन दूसरों की बुराइयां देखने में लगा रहता है। वह अपने भीतर झांककर नहीं देखता। यदि वह ऐसा करे तो पाएगा कि उससे बुरा और कोई नहीं है। इसलिए हर इंसान को चाहिए कि वह सबसे पहले खुद के भीतर की बुराइयों को दूर करे।