महान बुद्धिजीवी और रणनीतिकार आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य जी ने अपनी नीतियों के दम पर ही एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त मौर्य को मगध का सम्राट बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। आचार्य चाणक्य ने हमेशा ही अपनी नीतियों से समाज का कल्याण किया है। उन्होंने एक नीति शास्त्र की भी रचना की थी, जिसमें उन्होंने समाज को सही जीवन जीने का तरीका बताया है।

माना जाता है की जो व्यक्ति अपने जीवन में चाणक्य जी की नीतियों को उतार लेता है, उसके सफल होने की संभावना बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। नया साल आरंभ होने वाला है। नये साल पर मौके पर आप चाणक्य नीति में बताई गईं, इन बातों को अपने जीवन में उतार सकते हैं।

क्रोध और अहंकार का त्याग: आचार्य चाणक्य के अनुसार क्रोध और अहंकार व्यक्ति के लक्ष्य प्राप्ति में सबसे बड़ा रोड़ा होते हैं। ये दोनों अवगुण ना सिर्फ आपकी जिंदगी भर की मेहनत को बर्बाद कर सकते हैं, बल्कि इनके कारण समाज में सम्मान की प्राप्ति भी नहीं होती। इसलिए चाणक्य जी का मानना है की इन दोनों अवगुणों का व्यक्ति को पूरी तरह से त्याग देना चाहिए।

आलोचनाओं से कभी ना घबराएं: आचार्य चाणक्य मानते हैं की व्यक्ति को कभी भी आलोचनाओं से नहीं घबराना चाहिए, बल्कि ऐसी परिस्थिति में भी उन्हें धैर्य और कुशलता से काम लेना चाहिए। क्योंकि अपनी आलोचना से घबराने वाला व्यक्ति कभी भी अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता।

गलतियों को भूलकर भी ना दोहराएं: आचार्य चाणक्य मानते हैं की मनुष्य को हमेशा अपनी गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ जाना चाहिए। हालांकि जो व्यक्ति लगातार एक ही गलती को दोहराता रहता है, उसके हाथ कभी भी सफलता नहीं लगती।

परिश्रम: चाणक्य नीति के अनुसार व्यक्ति को कभी भी कड़ा परिश्रम करने से घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि कठोर परिश्रम करने पर व्यक्ति को सफलता का सुख प्राप्त होता और उसे अपने लक्ष्य की प्राप्ति होती है। इसलिए नए साल में अगर आप कोई लक्ष्य प्राप्त करना चाहते हैं तो कभी भी कठोर परिश्रम से ना घबराएं।