Gomed Stone: रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। इन 9 रत्नों पर अलग- अलग ग्रहों का आधिपत्य होता है। जिसमें मुख्यतय रत्न 5 ही होते हैं जो है हीरा, पन्ना , माणिक्य, मोती और पुखराज। लेकिन गोमेद रत्न को भी रत्न शास्त्र में प्रमुख माना गया है। यह रत्न राहु ग्रह का होता है। इस रत्न को धारण करने से राहु ग्रह के प्रकोप से मुक्ति मिल सकती है। साथ ही गोमेद रत्न बहुत सुन्दर होता है कई लोग इसके गहने भी पहनते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गोमेद पहनने से पहले कुछ बातों को जानना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं गोमेद किन राशि वालों को करना चाहिए धारण…
ऐसा होता है गोमेद रत्न:
बाजार में कई प्रकार के गोमेद मिलते हैं। जिसमें सबसे अच्छी क्वालिटी का गोमेद सीलोनी होता है, जो श्रीलंका में पाया जाता है। साथ ही अफ्रीका का गोमेद दूसरे नंबर पर आता है। गोमेद भारत में हिमालय, कश्मीर, हजारीबाग और दक्षिण भारत आदि में भी मिलता है। म्यांमार से प्राप्त गोमेद में भूरापन होता है और यह गोमूत्र के वर्ण के समान होता है। लेकिन म्यांमार का गोमेद अब दुर्लभ हो गया है।
जानिए गोमेद धारण करने के लाभ:
जो लोग राजनीति या वकालत के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, वह लोग गोमेद धारण कर सकते हैं। इससे उनको करियर में अच्छी सफलता मिल सकती है। गोमेद को धारण करने से एकाग्रता बढ़ती है और अनिद्रा से राहत मिलती है। जिन लोगों पर राहु की महादशा चल रही हो वो लोग भी गोमेद धारण कर सकते हैं। साथ ही गोमेद धारण करने से शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और सकारात्मक विचार आते हैं।
इन राशि के लोग कर सकते हैं गोमेद धारण:
- जिन लोगों की राशि अथवा लग्न वृष, मिथुन, कन्या, तुला या कुम्भ हो ये लोग गोमेद धारण कर सकते हैं।
- यदि राहु जन्मकुण्डली में केन्द्र 1, 4, 7, 10 इनमें से किसी भाव में हो या फिर पांचवें व नवम भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होता है। क्योंकि पांचवा स्थान त्रिकोण स्थान है और नवम स्थान भाग्य स्थान माना जाता है।
- यदि राहु द्वितीय, एकादश भाव में हो तो गोमेद पहनने से लाभ होगा किन्तु यदि राहु छठें, आठवें या बारहवें भाव में हो तो गोमेद सोच- समझकर पहनें अन्यथा हानि हो सकती है।
- यदि राहु आपकी कुंडली में उच्च का विराजमान हैं, तो भी आप गोमेद रत्न को धारण कर सकते हैं। (यह भी पढ़ें)- ग्रहों का महापरिवर्तन: अप्रैल में 9 ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, इन राशि वालों को धनलाभ के साथ तरक्की के भी प्रबल योग
इस विधि से करें गोमेद धारण:
गोमेद रत्न को आर्द्रा, शतभिषा और स्वाति नक्षत्रों में से किसी एक नक्षत्र में धारण कर सकते हैं। साथ ही शनि की होरा में पंचधातु या लोहे की अंगूठी में 5-6 रत्ती भार में मध्यमा अंगुली में ऊं रां राहवे नमः’ मन्त्र से 108 बार अभिमंत्रित करके धारण करना चाहिए। रत्न धारण के बाद किसी ब्राह्मण को राहु का दान भी करना चाहिए। इसे अंगूठी की अपेक्षा यंत्रात्मक स्वरूप में जड़वाकर गले में धारण करें तो ज्यादा बेहतर रहता है। (यह भी पढ़ें)- Guru Uday: गुरु बृहस्पति हुए उदय, व्यापार और जॉब में तरक्की पाने के लिए करें ये ज्योतिषीय उपाय