Ramzan Time Table Of 2020: रमजान के पाक महीने में कोरोना वायरस के कारण लोग घर पर रहकर ही इबादत कर रहे हैं। रमजान रोजे की शुरुआत सुबह सहरी के साथ की जाती है और फिर शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है। दिन भर भूखे प्यासे रहकर रोजा रखा जाता है। रमजान में ज्यादा से ज्यादा कुरान की तिलावत, नमाज की पाबंदी, जकात, सदाक और अल्लाह का जिक्र करके इबादत की जाती है।
इस्लाम धर्म में ऐसा माना जाता है कि रोजा केवल मुंह का ही नही होता है। बल्कि इसके साथ-साथ हाथ, कान, नाक, जुबान व आंखों के भी रोजे होते हैं यानी कि रोजे रखने वाले व्यक्ति को किसी भी तरह के बुरे कार्यों, बुरा देखने, सुनने, बोलने इत्यादि से बचना चाहिए। तभी रोजेदार का रोजा सफल माना जाता है। रमजान के महीने को तीन अशरों (भागों) में बांटा गया है। जिसमें पहले 10 दिन को पहला अशरा कहते हैं जो रहमत का है। दूसरा अशरा अगले 10 दिन को कहते हैं जो मगफिरत का है और तीसरा अशरा आखिरी 10 दिन को कहा जाता है जो कि जहन्नुम की आग से खुद को बचाने के लिए होता है।
रोजे का वक्त (Roza Sehri And Iftar Time):
7 मई इफ्तार समय- 7.01 pm
08 मई सहरी समय- 04.07 am
08 मई इफ्तार समय- 7.02 pm
5 मई से रमजान का दूसरा अशरा शुरू हो गया है। इसमें रोजेदार अल्लाह की इबादत कर अल्लाह से अपनी मगफिरत की दुआ करेंगे। रमजान के मुबारक माह के ग्वारहवें रोजे से मगफिरत का अशरा शुरू हो जाता है। इस दौरान बिना किसी बुराई से बचते हुए रोजे में अल्लाह की इबादत की जाती है। माफी मांगते हुए मगफिरत की तलब की जाती है।
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रमजान का महीना बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र है। इस महीने में नेक कार्यों का फल 70 गुना अधिक मिलता है। रमजान के महीने में अल्लाह अपने बंदों पर खास करम फरमाता है। रमजान के महीने में कुरान पढ़ने का भी अलग ही महत्व होता है। हर दिन की नमाज के अलावा रमजान में रात के वक्त एक विशेष नमाज की जाती है, जिसे तरावीह कहते हैं।