Putrada Ekadashi 2023 Muhurat: हिंदू धर्म के अनुसार, हर मास के कृष्ण और शिक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी का अलग-अलग महत्व होता है। ऐसे ही श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है। इसके अलावा इसे पवित्रोपना एकादशी या पवित्र एकादशी भी कहा जाता है। यह एकादशी साल में दो बार पड़ती है। दूसरी पौष मास में पड़ती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही होने वाली संतान तेजस्वी होती है। आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी की तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

पुत्रदा एकादशी 2023 तिथि

सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि आरंभ- 26 अगस्त देर रात 12 बजकर 9 मिनट

सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि समापन- 27 अगस्त की रात 9 बजकर 33 मिनट तक रहेगी।

पुत्रदा एकादशी तिथि- उदय तिथि के हिसाब से पुत्रदा एकादशी का व्रत 27 अगस्त को ही रखा जाएगा।

पुत्रदा एकादशी 2023 पर बन रहा खास योग

हिंदू पंचांग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी के दिन काफी शुभ योग बन रहा है। इस दिन सुबह 5 बजकर 56 मिनट से आरंभ होगा और 7 बजकर 16 मिनट तक सर्वार्थ सिद्धि योग और त्रिपुष्कर योग रहेगा। इसके साथ ही सुबह 6 बजकर 59 मिनट से पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा।

ऐसे में विष्णु जी की पूजा करने से विशेष फलों की प्राप्ति होगी।

पुत्रदा एकादशी 2023 व्रत पारण का समय

हिंदू पंचांग के अनुसार, पुत्रदा एकादशी के व्रत का पारण 28 अगस्त को सुबह 5 बजकर 57 मिनट से 8 बजकर 31 मिनट तक कर सकते हैं।

पुत्रदा एकादशी 2023 पूजा विधि

पुत्रदा एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद विष्णु जी का मनन करते हुए व्रत का संकल्प ले लें। अब पूजा आरंभ करें। पहले भगवान विष्णु की तस्वीर में फूल के माध्यम से जल छिड़के। इसके बाद पीला चंदन, अक्षत, फूल, माला आदि चढ़ाएं। इसके बाद मिठाई, फल आदि से भोग लगाएं। भोग में तुलसी दल जरूर रखें। फिर घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत तरीके से एकादशी व्रत कथा का पाठ करें। इसके साथ ही ‘ऊं वासुदेवाय नम:’ मंत्र का जाप करें। अंत में आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांग लें। दिनभर फलाहारी या फिर बिना खाएं व्रत रहें। शाम को भी पूजा करें। दूसरे दिन शुभ मुहूर्त में पारण कर लें।