Pukhraj Gemstone Benefits: वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह को देवताओं के गुरु की संज्ञा की गई है। साथ ही गुरु ग्रह को समृद्धि, ज्ञान, आध्यात्म, ज्योतिष और प्रतिष्ठा का कारक माना जाता है। वहीं अगर हम गुरु ग्रह का मीन और धनु राशि पर आधिपत्य होता है। साथ ही अगर हम रत्न की बात करें तो गुरु ग्रह का रत्न पुखराज होता है। पुखराज पहनने से धन में वृद्धि होती है। साथ ही मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पुखराज पहनने के लाभ और इसको धारण करने की विधि…

ऐसा होता है पुखराज

पुखराज के अगर हम रंग की बात करें तो पुखराज पीले कलर का होता है। वहीं पुखराज को अंग्रेजी में यलोसफायर कहते हैं। बाजार में सबसे अच्छा पुखराज सीलोनी होता है। पुखराज को संस्कृत में पुष्पराज, गुरु रत्न, गुजराती में पीलूराज, कन्नड़ में पुष्पराग, हिन्दी में पुखराज कहते हैं। 

पुखराज पहनने के लाभ

पुखराज पहनने से धन आगमन के नए मार्ग बनते हैं। साथ ही धन में वृद्धि होती है। वहीं  व्यक्ति को आर्थिक समस्याओं से निजात मिलती है। वहीं पुखराज को धारण करने से व्यक्ति को मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही जो लोग ज्योतिष, आध्यात्म या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, वो लोग पुखराज पहन सकते हैं। पुखराज धारण करने से व्‍यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है और उसके लिए करियर में सफलता के नए रास्‍ते खुलने लगते हैं। वहीं जिन लोगों डायबिटीज, लीवर या पेट से संबंधित रोग हैं, वो लोग भी पुखराज धारण कर सकते हैं।

ये लोग पहन सकते हैं पुखराज

गुरु बृहस्पति कुंडली में उच्च के या शुभ स्थित हों वो लोग पुखराज पहन सकते हैं। 

  • साथ ही मीन और धनु राशि और लग्न वाले लोगों को पुखराज धारण करना शुभ होता है। क्योंकि इन दोनों राशियों के स्वामी गुरु बृहस्पति ही हैं।
  • तुला लग्न वाले जातक पुखराज धारण कर सकते हैं, क्योंकि गुरु आपके पंचम स्थान के स्वामी होते हैं। इसलिए पुखराज आपका कारक रत्न है। इसलिए आपको पुखराज धारण शुभ साबित हो सकता है।
  • अगर कुंडली में गुरु ग्रह नीच के स्थित हों तो पुखराज पहनने से बचना चाहिए।
  • वहीं पुखराज के साथ गोमेद और हीरा रत्न पहनने से बचना चाहिए।

जानिए, धारण करने की सही विधि

अगर हम पुखराज के वजन की बात करें तो पुखराज आपको शरीर के वजन के अनुसार धारण करना चाहिए। साथ ही पुखराज को सोने या चांदी के धातु में जड़वाकर अंगूठी के रूप में पहना जा सकता है। साथ ही पुखराज गुरुवार के दिन धारण करना शुभ होता है। क्योंकि गुरुवार का संबंध गुरु ग्रह है।। साथ ही पहनने से पहले अंगूठी को गंगा जल या दूध से शुद्ध कर लें। इसके बाद अंगूठी को दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण कर सकते हैं। 

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