Pukhraj Gemstone Benefits: रत्न शास्त्र में 9 मुख्य रत्न का संबंध मिलता है। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं पुखराज रत्न के बारे में, जिसका संबंध गुरु बृहस्पति से माना जाता है। गुरु को ज्ञान, शिक्षक, संतान, बड़े भाई, शिक्षा, धार्मिक कार्य, पवित्र स्थल, धन, दान, पुण्य और वृद्धि आदि का कारक माना जाता है। ऐसे में पुखराज पहनने से इन क्षेत्रों पर विशेष प्रभाव पड़ता है। साथ ही पुखराज पहनने से ऐश्वर्य और ज्ञान की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति की समाज में मान- प्रतिष्ठा बढ़ती है। साथ ही पद- प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पुखराज पहनने के लाभ और इसको धारण करने की विधि…

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जानिए कैसा होता है पुखराज

बाजार में सीलोनी पुखराज सबसे अच्छी क्वालिटी का मिलता है। लेकिन ये थोड़ा मंहगा मिलता है। बैंकॉक का पुखराज सस्ता मिलता है।

पुखराज धारण करने से धन- समृद्धि की होती है प्राप्ति

पुखराज पहनने से व्यक्ति को समाज में मान- सम्मान और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। साथ ही व्यक्ति आस्तिक होता है। व्यक्ति की डिसीजन मेकिंग अच्छी होती है। वहीं पुखराज पहनने से करियर में तरक्की मिलती है। साथ ही जो लोग ज्योतिष, आध्यात्म या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए हैं, वो लोग पुखराज धारण कर सकते हैं। पुखराज पहनने से नौकरी और व्यवसाय में बाधाएं दूर करता है और सफलता के नए रास्ते खोलता है। 

इन राशियों के लोग धारण कर सकते हैं पुखराज

 ज्योतिष शास्त्र में धनु और मीन राशि के स्‍वामी गुरु बृहस्पति होते हैं, इसलिए इन दो राशियों के लोग इस रत्‍न को पहन सकते हैं। वहीं  जन्मकुंडली में गुरु ग्रह उच्च के या शुभ स्थित हों वो लोग पुखराज कुंडली दिखाकर धारण कर सकते हैं। वहीं तुला लग्न वाले लोग पुखराज धारण कर सकते हैं, क्योंकि गुरु आपके पंचम भाव के स्वामी होते हैं। वहीं पुखराज के साथ गोमेद और लहसुनिया नहीं धारण करनी चाहिए। साथ ही गुरु की महादशा में जन्मकुंडली दिखाकर पुखराज धारण कर सकते हैं।

इस विधि से धारण करें पुखराज

रत्न शास्त्र अनुसार पुखराज कम को कम से 7 रत्ती का बाजार से खरीदकर लाना चाहिए। इसे सोने की अंगूठी में धारण करना चाहिए। पुखराज को गुरुवार को धारण करना सबसे शुभ होता है। वहीं पुखराज अंगूठी को दाएं हाथ की तर्जनी उंगली में पहनें और गुरु के बीज मंत्र का जप करते हुए इसे धारण करना चाहिए। साथ ही धारण करने के बाद गुरु से संबंधित दान मंदिर में जाकर करें।

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