लोकसभा चुनावों में प्रचंड जीत के बाद जब प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे तो वहां उनका भव्य स्वागत किया गया। मोदी ने यहां बाबा विश्वनाथ का रुद्राभिषेक किया और उसके बाद पंचफूल की माला भी चढ़ाई। इसी के साथ 303 श्वेत कमल से तैयार की गई 3 माला भी बाबा को अर्पित की गई। पूजा समाप्त होने के बाद गर्भगृह में मौजूद काशी विश्वनाथ न्यास के अध्यक्ष अशोक द्विवेदी ने मोदी को पंचफूल की माला पहनाई। यह माला बेला, गेंदा, कुंद, जूही के पुष्पों से तैयार की गई थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के एक पुजारी के मुताबिक इस माला का विशेष महत्व होता है। जिस कारण यह माला कुछ विशेष अवसरों के दौरान ही चढ़ाई जाती है।
इस माला को श्रावण मास, शिवरात्रि और बैकुंठ चतुर्दशी के दिन ही भगवान को अर्पित किया जाता है। रुद्राक्ष जिसे बाबा का प्रिय माना गया है और इसके साथ पंचफूल के भी जुड़ जाने पर बाबा विश्वनाथ काफी प्रसन्न हो जाते हैं। मोदी ने बाबा विश्वनाथ को 101 पुष्प से बनी 3 मालाएं अर्पित की साथ ही कुल 303 श्वेत कमलों से निर्मित माला भगवान को चढ़ाकर समृद्धि की कामना की। आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने कुल 303 ही सीटें जीती हैं।
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर का काफी महत्व माना जाता है। मान्यता है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशुल पर टीकी है। काशी में भगवान शिव का इस प्रसिद्ध मंदिर का ज्योतिर्लिंग दो भागों में बंटा हुआ है। जिसके दाहिने भाग में मां भगवती विराजमान हैं तो वहीं बांये तरफ भगवान शिव वाम रूप में स्थित हैं। दुनिया भर से लोग इस मंदिर के दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि यहां आकर मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है।
इस नगरी और भगवान शिव के यहां विराजमान होने को लेकर काफी कथाएं प्रचलित हैं। कुछ पुराणों के अनुसार पहले यह भगवान विष्णु की पुरी हुआ करती थी। जहां भगवान विष्णु के आनंदाश्रु गिरे थे, वहां बिंदु सरोवर बन गया और प्रभु यहां ‘बिंधुमाधव’ के नाम से प्रतिष्ठित हुए। लेकिन महादेव को काशी इतनी अच्छी लगी कि उन्होंने इस पवित्र नगरी को श्रीहरि से अपने नित्य आवास के लिए मांग लिया। तब से काशी भगवान शिव का निवास स्थान बन गई।