Premanand ji maharaj: आज के समय में हर कोई चाहता है कि वह एक अच्छा जीवन जिएं और उसे कभी भी सुख-समृद्धि, धन-संपदा और सुख-शांति की कमी न हो। ऐसे में वह देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के कई प्रयत्न करते हैं। लेकिन कई बार कई तरह के उपाय करने के बाद भी जीवन में किसी न किसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं छोटी सी उम्र में ही काफी कुछ झेल लेते हैं। कहा जाता है कि अगर आप कर्म अच्छे करेंगे, तो आपका जीवन भी अच्छा रहेगा। ऐसे में संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज से जानें उन 5 कामों के बारे में जिन्हें करने से अकाल मृत्यु की प्राप्ति होती है…
पवित्र स्थानों को दूषित करना
स्वामी प्रेमानंद जी कहते हैं कि कई बार कुछ लोग बिना स्नान किए मंदिर या अन्य कोई देव संबंधित काम कर लेते हैं। इसके अलावा किसी मंदिर, पीपल या कोई अन्य पवित्र पेड़-पौधे के नीचे शौच या लघु शंका कर लेते हैं, तो इससे आयु नष्ट हो जाती है। इसलिए कभी भी इन कार्यों को नहीं करना चाहिए।
सूर्य का अपमान करना
सूर्य को देव की श्रेणी में रखा गया है। इसके साथ ही वह ग्रहों के राजा भी है। इसलिए कभी भी सूर्य का अपमान नहीं करना चाहिए। ग्रहण के समय और दोपहर के समय सूर्य को देखते हैं या फिर सूर्य की तरफ खड़े होकर थूकते या फिर लघुशंका करते हैं, तो उनकी भी आयु कम होती है।
दूसरों का उपहास करना
अगर कोई शारीरिक रूप से अक्षम व्यक्ति जा रहा है, तो उससे हमेशा प्यार से बात करें। कभी भी उस व्यक्ति का उपहास यानी मजाक न उड़ाएं। ऐसा करने से भी व्यक्ति अकाल मृत्यु के करीब जाता है। प्रेमानन्द जी कहते हैं कि कभी भी कुछ ऐसे कर्म नहीं करना चाहिए, जिससे पूरा जीवन कष्टकारी हो जाए।
दूसरों का हृदय दुखाना
कभी भी ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, जिससे किसी के हद्य को ठेस लगें। किसी को भी नीचा दिखाने की कोशिश न करें। इससे आपका भी आने वाले समय में नुकसान हो सकता है।
दूसरों के सामान का इस्तेमाल
प्रेमानंद जी कहते हैं कि कभी भी किसी दूसरे व्यक्ति के वस्त्र, चप्पल आदि का इस्तेमाल नहीं करना। इससे आयु पर बुरा असर पड़ता है, क्योंकि पहने हुए कपड़े से उस व्यक्ति का समय और भाग्य आपके साथ चलने लगता है। केवल अपने गुरुजनों और भगवद् प्रसादी के पादुका और वस्त्र धारण कर सकते हैं।
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