खालसा पंथ की स्थापना करने वाले गुरु गोविंद का जन्म 22 दिसंबर 1666 को पटना साहिब में हुआ था। गुरु गोविंद सिंह सिख समुदाय के 10वें गुरु माने जाते हैं। बैसाखी के दिन ही उन्होनें खालसा पंथ की स्थापना की थी, सिखों के लिए ये महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है। वह एक महान योद्धा, कवि, भक्त और अध्यात्मिक नेता माने जाते थे। गुरु गोविंद सिंह ने सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब की रचना को पूरा किया था। इसी के बाद उन्हें गुरु रुप में सुशोभित किया गया।

प्रत्येक वर्ष 22 दिसंबर से लेकर 25 दिसंबर तक गुरु गोविंद सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में प्रकाश पर्व मनाया जाता है। 1699 में बैसाखी के दिन अपने पांच प्यारों यानि शिष्यों को लेकर खालसा पंथ की स्थापना गुरु गोविंद साहिब ने की थी। गुरु गोविंद साहिब ने 17 वीं शताब्दी में शिक्षा देते हुए कई ऐसी बातें बताई जो आज भी हमारे जीवन के लिए महत्वपूर्ण हैं।
1. कम करन विच दरीदार नहीं करना- इसका अर्थ है कि अपने काम को पूरी ईमानदारी से करें। किसी भी काम को पूरा करते समय कोताही नहीं करनी चाहिए।
2. किसी दि निंदा, चुगली, अतै इर्खा नै करना- किसी की चुगली, निंदा न करें और किसी के काम से ईर्ष्या करने से बचें।
3. बचन करकै पालना- किसी को भी दिए हुए अपने वचनों का पालन करें और कभी भी वादा करके नहीं भूलें।
4. धन, जवानी, तै कुल जात दा अभिमान नै करना- अपनी जवानी, जाति और कुल धर्म को लेकर किसी भी तरह का घमंड नहीं करें।

5. जगत-जूठ तंबाकू बिखिया दी तियाग करना- हमेशा नशे और तंबाकू के सेवन से दूर रहें।
6. धरम दी किरत करनी- अपनी जीविका ईमानदारी पूर्वक काम करते हुए चलाएं।
7. दसवंड देना- हमेशा ध्यान रखें कि अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
8. गुरुबानी कंठ करना- जिस भी शक्ति या गुरु को मानते हैं उसकी गुरुबानी अपने कंठ में बसा लें।
9. शस्त्र विद्या अतै घोड़े दी सवारी दा अभ्यास करना- खुद को हमेशा सुरक्षित रखने के लिए शारीरिक सौष्ठव, हथियार चलाने का प्रयास करें। इसका अगर आज के संदर्भ में जरुरत देखें तो अपने को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यायाम करें और सेहतमंद भोजन ग्रहण करें।