Pradosh Vrat 2025 Mantra: शास्त्रों में प्रदोष व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना गया है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित होता है। हर माह के कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो साधक पूरे नियमों के साथ उपवास रखकर प्रदोष काल में महादेव की पूजा करता है, तो उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सितंबर माह का पहला प्रदोष व्रत आज यानी 5 सितंबर, शुक्रवार को रखा जा रहा है। क्योंकि आज शुक्रवार का दिन है तो इसे शुक्र प्रदोष व्रत कहा जाएगा। साथ ही, इस प्रदोष पर सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जिससे इसका महत्व और अधिक बढ़ गया है। ऐसे में यदि आप भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा पाना चाहते हैं तो आज प्रदोष काल में पूजा के बाद इन विशेष मंत्रों का जाप अवश्य करें।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
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