Guru Pradosh Vrat 2026: हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह व्रत भोलेनाथ को समर्पित होता है। आपको बता दें कि साल में कुल 24 प्रदोष पड़ते हैं। जिसमें एक शुक्ल पक्ष का तो वहीं दूसरा कृष्ण पक्ष का। यहां हम बात करने जा रहे हैं साल के पहले प्रदोष व्रत के बारे में, जो गुरु प्रदोष व्रत होगा। साल का पहला प्रदोष व्रत 1 जनवरी को पड़ेगा। वहीं इस दिन रवि योग का निर्माण हो रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त, तिथि और महत्व…
गुरु प्रदोष व्रत तिथि 2026 (Guru Pradosh Vrat 2026 Date)
वैदिक पंचांग के अनुसार त्रयोदशी तिथि सुबह 01 बजकर 47 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं, इस तिथि का अंत रात 10 बजकर 22 मिनट पर होगा। ऐसे में गुरु प्रदोष व्रत 1 जनवरी को रखा जाएगा।
गुरु प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त 2026
प्रदोष व्रत पर भगवान शिव की पूजा करने के लिए प्रदोष काल सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में प्रदोष काल शाम 05:35 बजे से रात 08:19 बजे तक रहेगा। इस समय भगवान शिव की पूजा- अर्चना कर सकते हैं।
प्रदोष व्रत के मंत्र
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
शिव नामावली मंत्र
।। श्री शिवाय नम:।।
।। श्री शंकराय नम:।।
।। श्री महेश्वराय नम:।।
।। श्री सांबसदाशिवाय नम:।।
।। श्री रुद्राय नम:।।
।। ओम पार्वतीपतये नम:।।
।। ओम नमो नीलकण्ठाय नम:।।
शिव गायत्री मंत्र
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
गुरु प्रदोष व्रत का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, गुरु प्रदोष व्रत करने से शत्रुओं का नाश होता है और व्यक्ति को ज्ञान, सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जिन लोगों के विवाह में अड़चन आ रही हो तो इस व्रत को रखने से विवाह के योग बनते हैं। वहीं जीवन में धन- संपन्नता बनी रहती है। वहीं जन्मकुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति होती है। साथ ही उनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
