August 2025 Pradosh Vrat Date and Shubh Muhurat: प्रदोष व्रत भगवान शिव की आराधना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। यह व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है, लेकिन सावन माह में आने वाले प्रदोष व्रत का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि यह महीना स्वयं भगवान शिव को समर्पित है। धार्मिक मान्यता है कि सावन में प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही, साधक के जीवन से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और मानसिक शांति मिलती है। आपको बता दें कि सावन का पहला प्रदोष व्रत 22 जुलाई को पड़ा था। ऐसे में आइए जानते हैं सावन माह का अंतिम और अगस्त माह का पहला प्रदोष व्रत कब रखा जाएगा।
अगस्त माह का पहला प्रदोष कब है?
प्रदोष व्रत हर माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, अगस्त माह का पहला प्रदोष व्रत 6 अगस्त 2025, बुधवार को रखा जाएगा। पंचांग के अनुसार, सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 6 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 09 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 7 अगस्त को दोपहर 02 बजकर 27 मिनट पर होगा। 6 अगस्त को बुधवार पड़ने की वजह से इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत पर पूजा का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार, पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अगस्त को शाम 07 बजकर 08 मिनट से शुरू होकर रात 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत का महत्व
हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सच्चे मन इस दिन भगवान शिव की पूजा करने और व्रत रखने से जातकों की सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इसके साथ ही शिव जी की कृपा से जातक को धन लाभ के साथ संतान सुख की प्राप्ति भी होती है। बता दें कि अगस्त माह का पहला प्रदोष व्रत बुधवार को पड़ रहा है। ऐसे में शास्त्रों के अनुसार, बुध प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को बुद्धि, वाणी और व्यवसाय में सफलता मिलती है। साथ ही जीवन में शुभता, शांति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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