Guru Pradosh Vrat 2025 In April: शास्त्रों में प्रदोष व्रत का खास महत्व है। यह व्रत भोलेनाथ और माता पार्वती की आराधना के लिए समर्पित होता है।मान्यताओं के अनुसार, प्रदोष व्रत करने से व्यापार और करियर में सफलता प्राप्त होती है। इस व्रत को करने वाली महिलाओं के जीवन में कभी किसी प्रकार की कमी नहीं रहती। साथ ही अविवाहित कन्याओं को मनचाही जीवनसाथी मिलता है। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं गुरु प्रदोष व्रत के बारे में, जो 10 अप्रैल को है। वहीं इस दिन रवि योग भी बन रहा है। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
गुरु प्रदोष व्रत तिथि 2025 (Guru Pradosh Vrat 2025 Date)
वैदिक पंचांग के मुताबिक त्रयोदशी तिथि का आरंभ 9 अप्रैल की रात 10:54 मिनट से हो रही है और यह 11 अप्रैल की रात 1:00 बजे तक जारी रहेगी। लेकिन व्रत का निर्धारण प्रदोष टाइम से होता है, इसलिए प्रदोष का व्रत 10 अप्रैल को ही किया जाएगा।
प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना प्रदोष काल में की जाती है। इस बार प्रदोष काल शाम 10 अप्रैल को 6:44 बजे से रात 8:59 बजे तक रहेगा। यही वह समय है जब शिव शंकर अपने भक्तों की भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें कृपा का आशीर्वाद देते हैं। ऐसे में आप इस समय भोलेनाथ की उपासना कर सकते हैं।
बन रहा है ये शुभ योग
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक इस दिन रवि योग दोपहर 12 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा, जो कि पूरे दिन रहेगा।
गुरु प्रदोष व्रत महत्व
ज्योतिष अनुसार जब प्रदोष व्रत गुरुवार को पड़ता है तो उसे गुरु प्रदोष व्रत कहा जाता है। यह दिन गुरु बृहस्पति और भगवान शिव दोनों की कृपा पाने का द्वार खोलता है। गुरु प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ की पूजा करने पर सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही साथ ही जिन लोगों के विवाह होने में दिक्कत आ रही हो तो इस व्रत को रखने से विवाह के योग बनते हैं। वहीं जीवन में धन- संपन्नता बनी रहती है। वहीं कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति होती है। साथ ही उनके अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।