PM Narendra Modi Visit Danteshwari Temple- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज छत्तीसगढ़ और तेलंगाना गए हुए हैं। जहां पर उन्होंने दंतेश्वरी मंदिर जाकर पूजा-अर्चना की। बता दें कि मां दंतेश्वरी मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में स्थित मंदिर में मां के दर्शन करने के लिए हर साल सैकड़ों लोग पहुंचते हैं। यह मंदिर तांत्रिक साधनाओं के लिए प्रसिद्ध है। जानिए आखिर क्यों प्रसिद्ध है दंतेश्वरी मंदिर?

गिरा था मां सती का दांत

पौराणिक कथा के अनुसार, सतयुग में राजा दक्ष ने यज्ञ कराया था। लेकिन उन्होंने भगवान शंकर को आमंत्रित नहीं किया। इस बात से मां सती काफी क्रोधित हुए कि उनके पति का मान-सम्मान नहीं किया गया। ऐसे में वह अपने पिता के घर पहुंच गई। जहां पर उन्होंने अपने पिता से शिकायत की। लेकिन राजा दक्ष ने शंकर जी का काफी अपमान किया। इस बात से क्षुब्ध होकर मां सती ने यज्ञ में अपनी ही आहुति दे दी। जब भगवान को इस बात का पता चला, तो वह अपनी पत्नी को बचाने गए। लेकिन उनकी ऐसी हालात देखकर काफी क्रोधित हो गए है और क्रोध में राजा दक्ष का गला काट दिया। इसके साथ ही मां सती के शरीर को लेकर हर जगह घूमने लगें। उनका इस तरह क्रोध करना देवताओं ने लेकर आम लोगों के लिए कष्ट का कारण बन रहा था। तब भगवान कृष्ण ने अपने चक्र से मां सती के टुकड़े किए। जहां-जहां पर ये टुकड़े गए, वो जगह शक्तिपीठ कहलाई। शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि मां सती के इस जगह पर दांत गिरे थे। इसी के कारण इस मंदिर को दंतेश्वरी मंदिर कहते हैं और मां के इस स्वरूप को दंतेश्वरी माई के नाम से जानते हैं। माना जाता है कि नदी किनारे आठ भैरव भाइयों का आवास था। इसी कारण ये स्थल तांत्रिक साधनाओं की स्थली है।

सैकड़ों साल पुराना है मंदिर

ये मंदिर डाकिनी और शाकिनी नदी के संगम में स्थित है। यह मंदिर करीब 800 साल पुराना कहा जाता है। इस मंदिर का पहली बार जीर्णोद्धार वारंगल से आए पांडव अर्जुन के कुल के राजाओं ने करीब 700 साल पहले कराया था। बता दें कि 1883 तक यहां पर नर बलि दी जाती थी। इसके बाद 1932-33 में दूसरी बार जीर्णोद्धार तत्कालीन बस्तर महारानी प्रफुल्ल कुमारी देवी ने कराया था।

कैसी है मां दंतेश्वरी की प्रतिमा

इस मंदिर में मौजूद मां की प्रतिमा की बात करें, तो वह काले रंग की है। जिसमें 6 भुजाएं है। इनमें से दाई भुजा में देवी ने शंख, त्रिशूल, खड्ग लिया हुआ है और बाई ओर घंटी, पद्म और राक्षसों के बाल पकड़े हुए है।