Plant Astrology: ज्योतिष शास्त्र में पूजा विधि और किस भगवान की पूजा में क्या चढ़ाना चाहिए इस बात का जिक्र किया गया है। हर भगवान को कोई न कोई फूल प्रिय है। आइए जानते हैं कि भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है और इसका महत्व क्या है।

भगवान शिव की पूजा में क्यों चढ़ाया जाता है बेलपत्र? (Importance of Belpatra)

मान्यता के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र बहुत ही प्रिय है। इसलिए उनकी पूजा में इसे चढ़ाया जाता है। कहा जाता है कि भगवान शिव की पूजा में अगर बेलपत्र नहीं चढ़ाया गया है, तो पूजा पूरी नहीं होती है।

बेलपत्र का ज्योतिष शास्त्र में महत्व (Importance of Belpatra in Astrology)

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेलपत्र के तीन पत्ते जो आपस में जुड़े रहते हैं। वह शुद्ध माना जाता है और इसे ही भगवान शिव की पूजा में प्रयोग किया जाता है। तीन पत्तों के आपस में जुड़े होने के कारण इसे त्रिदेव भी कहा जाता है। मान्यता के अनुसार बेलपत्र के तीन पत्ते जो आपस में जुड़े रहते हैं। वह भगवान शिव के त्रिशूल और उनकी तीनों आंखों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र की कटी हुई पत्तियां नहीं चढ़ानी चाहिए। मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। साथ ही घर में सुख-समृद्धि भी आती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र में बेलपत्र चढ़ाने के नियम भी बताए गए हैं। बेलपत्र को हमेशा उल्टा ही चढ़ाना चाहिए, बस इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि पत्तियां कटी न हो।

बेलपत्र का पौधा लगाने से मां लक्ष्मी होती हैं प्रसन्न

मान्यता के अनुसार बेलपत्र का पौधा लगाने से धन की देव मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। उनकी कृपा से आर्थिक समृद्धि बनी रहती है। बेल का पौधा लगाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। मान्यता है कि बेल का पौधा घर पर लगाने से चंद्र दोष से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही अन्य की परेशानियां भी कम हो जाती हैं।