ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों की युति का विशेष महत्व बताया गया है। युति का मतलब है कि दो या दो से अधिक ग्रहों का एक ही राशि में या किसी के भाव में एक साथ मौजूद होना, इस स्थिति को ग्रहों की युति कहा जाता है।

हर ग्रह का अपना एक स्वभाव होता है जिसके अनुसार वह मनुष्य पर अपना प्रभाव डालता है। ऐसे में एक से अधिक ग्रहों के साथ आने से परिणामों में विविधता देखने को मिलती है; यानि कि कई बार शुभ ग्रह भी अशुभ परिणाम देने लगता है या अशुभ ग्रह भी शुभ ग्रह के साथ होने के कारण जातक को शुभ परिणाम दे सकता है।

दरअसल अप्रैल महीने में मीन राशि में दो प्रमुख ग्रहों शुक्र और देवों के गुरु बृहस्पति की युति होने वाली है। चूंकि ज्योतिष शास्त्र में दोनों ग्रहों को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है, इसके साथ ही दोनों ग्रहों का आपस में एक रिश्ता भी है। ऐसे में इन दोनों ही ग्रहों की मीन राशि में युति कई मायनों में बेहद ही ख़ास रहने वाली है। इसके साथ ही सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि मीन गुरु बृहस्पति की राशि मानी जाती है और अपनी स्वराशि में गुरु बृहस्पति 12 वर्षों बाद प्रवेश करने वाले हैं।

12 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद देवगुरु बृहस्पति अपनी राशि मीन में 13 अप्रैल, 2022 को प्रवेश कर जायेंगे और इसके बाद अपनी स्थितियां (वक्री-मार्गी) समय-समय पर बदलते हुए साल के अंत तक मीन राशि में ही रहने वाले हैं। इसके बाद शुक्र ग्रह भी मीन राशि में 27 अप्रैल, 2022 को प्रवेश करते हुए गुरु बृहस्पति के साथ युति में आ जायेंगे।

राशियों पर शुक्र-गुरु युति का प्रभाव

मेष राशि: विवाह से जुड़ी परेशानियां खत्म होने की संभावना है, साथ ही नये अवसर मिलने के प्रबल आसार हैं।

वृषभ राशि: जातकों की आर्थिक समस्याएं खत्म होंगी, जातकों की आर्थिक स्थिति काफी मज़बूत बनेगी जिससे आपको लंबे समय में लाभ प्राप्त होगा।

मिथुन राशि: ग्रहों की युति के कारण जातकों में संतान योग प्रबल बनेगा। सेहत उत्तम रहने के आसार।

कर्क राशि: युति के बाद से कर्क राशि के जातकों को सुख-सम्पत्ति और वाहन सुख मिलने का संकेत।

सिंह राशि: गोचर के दौरान जातकों के पेशेवर जीवन में कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

कन्या राशि: गोचरकाल की अवधि के दौरान मांगलिक कार्यों के योग प्रबल बनेंगे। विवाह के लिए रिश्ते आएंगे एवं कई जातकों के हाथ भी पीले होंगे।

तुला राशि: खर्चे बढ़ने की आशंका है, इसलिए इस दौरान अनावश्यक चीजों पर धन खर्च करने से बचें।

वृश्चिक राशि: जातकों के जीवन में चल रहे उतार चढ़ाव स्थिर होंगे, समाज में यश और सम्मान बढ़ेगा, कार्यों की सरहना होंगी।

धनु राशि: यात्राओं के योग बढ़ेंगे और इनसे लाभ भी मिलेंगे। इसके अलावा आर्थिक पक्ष के संदर्भ में भी गुरु-शुक्र की युति शानदार परिणाम देती है।

मकर राशि: आर्थिक लाभ के योग बनेंगे साथ ही जातकों की आर्थिक समस्याएं खत्म होंगी

कुंभ राशि: गुरु बृहस्पति और शुक्र की युति प्रेम रिश्तों में शुभ परिणाम मिलेंगे। जातकों के ज्ञान और तर्क में शानदार इज़ाफा देखने को मिलेगा।

मीन राशि: गुरु बृहस्पति का 12 वर्षों बाद स्वराशि में गोचर मीन जातकों के भाग्य में वृद्धि करने वाला साबित होगा। इसके अलावा जातकों के आत्म विश्वास में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।