Pitru Paksha 2025 Ke Mantra: पितृ पक्ष का समय पूर्वजों को समर्पित होता है। इस दौरान लोग श्रद्धा और भक्ति भाव से तर्पण, दान और पूजा करते हैं ताकि अपने पितरों की आत्मा को शांति प्रदान कर सकें। मान्यता है कि इस पावन काल में किए गए कर्म सीधा पितरों तक पहुंचते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पितृ पक्ष में कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना बेहद लाभदायक माना जाता है? कहते हैं कि इन मंत्रों का जाप करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है। ऐसे में आइए जानते हैं पितृ पक्ष के दौरान पढ़ें जाने वाले इन मंत्रों के बारे में…

पितरों के मूल मंत्र

  • ॐ पितृ देवतायै नम:।
  • ॐ आगच्छन्तु में पितर एवं ग्रहन्तु जलान्जलिम’
  • ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात।
  • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव चनम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:

पितृ गायत्री मंत्र

  • ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात्।
  • ॐ देवताभ्य: पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च। नम: स्वाहायै स्वधायै नित्यमेव नमो नम:।
  • ॐ आद्य-भूताय विद्महे सर्व-सेव्याय धीमहि। शिव-शक्ति-स्वरूपेण पितृ-देव प्रचोदयात्।

पितृ तृप्ति मंत्र

गोत्रे अस्मतपिता (पितरों का नाम ) शर्मा वसुरूपत् तृप्यतमिदं तिलोदकम
गंगा जलं वा तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः, तस्मै स्वधा नमः।

महा मृत्युंजय मंत्र

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

पितृ स्तोत्र

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम्।।
इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ।।
मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।
द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि:।।
देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।
अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।
प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
अग्रीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।
ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय:।
जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस:।
नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।

यह भी पढ़ें:

मेष राशि का वर्षफल 2025
वृष राशि का वर्षफल 2025
मिथुन राशि का वर्षफल 2025कर्क राशि का वर्षफल 2025
सिंह राशि का वर्षफल 2025
कन्या राशि का वर्षफल 2025
तुला राशि का वर्षफल 2025वृश्चिक राशि का वर्षफल 2025
धनु राशि का वर्षफल 2025मकर राशि का वर्षफल 2025
कुंभ राशि का वर्षफल 2025मीन राशि का वर्षफल 2025

धर्म संबंधित अन्य खबरों के लिए क्लिक करें

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।