Pitru Paksha 2023: सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है। इस दौरान पितर धरती पर वास करते हैं। ऐसे में पितरों का तर्पण, श्राद्ध के साथ पिंडदान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष के दौरान पितरों का तर्पण करने से वह तृप्त होते हैं और अपने परिवार को सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आज से पितृपक्ष आरंभ हो रहे हैं, जो 14 अक्टूबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ हो रहे हैं। आज पूर्णिमा तिथि को पहला श्राद्ध पक्ष है। आज के दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध करने के साथ कौवा, कुत्ता, गाय, चींटी को भी भोजन देना चाहिए। आइए जानते हैं कुतुप काल क्या है? इसके साथ ही जानिए हर एक दिन का कुतुप काल।   

कुतुप काल में ही करें पितरों का श्राद्ध

शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि पितृपक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध कुतुप काल में ही करना चाहिए। कुतप बेला दिन का आठवां प्रहर होता है। इसे श्राद्ध कर्म के लिए सबसे ज्यादा शुभ माना जाता है। पाप का शमन करने के कारण इसे ‘कुतुप’ काल कहा जाता है।

कब होता है कुतुप काल?

कुतुप काल सुबह 11 बजतर 30 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट के मध्य का समय होता है।

दिन के हिसाब से जानिए कब-कब है कुतुप मुहूर्त

पूर्णिमा श्राद्ध- 29 सितंबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 41 मिनट तक।
द्वितीया श्राद्ध- 30 सितंबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 38 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक।
तृतीया श्राद्ध –1 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक।
चतुर्थी श्राद्ध – 2 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक।
पंचमी श्राद्ध – 3 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
षष्ठी श्राद्ध – 4 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
सप्तमी श्राद्ध – 5 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
अष्टमी श्राद्ध – 6 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक।
नवमी श्राद्ध – 7 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 46 मिनट से 12 बजकर 33 मिनट तक।
दशमी श्राद्ध – 8 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
एकादशी श्राद्ध – 9 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
मघा श्राद्ध – 10 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 34 मिनट तक।
द्वादशी श्राद्ध – 11 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 32 मिनट तक।
त्रयोदशी श्राद्ध –12 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।
चतुर्दशी श्राद्ध -13 अक्टूबर को कब रहेगा कुतुप मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।
सर्व पितृ अमावस्या पर कुतुप काल- 14 अक्टूबर को कुतुप काल सुबह 11 बजकर 45 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक।

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