Pitru Paksha 2023: हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान पितरों का तर्पण और श्राद्ध कर्म किए जाने का विधान है। मान्यता है कि इस दौरान पितरों का श्राद्ध करने से उनको मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितृपक्ष के दौरान पितरों को जल, पिंड, तिल आदि अर्पित करना शुभ माना जाता है। भादो पूर्णिमा से लेकर अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक केवल 16 दिनों तक पितृ पक्ष पड़ रहे हैं। इसके साथ ही 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ पितृ पक्ष समाप्त हो जाएंगे। पितृ पक्ष के दौरान पितरों का श्राद्ध कर्म करने के साथ ब्राह्मणों को भोजन कराना शुभ माना जाता है। अग्नि पुराण के अनुसार, ब्राह्मणों को भोजन कराते समय कुछ चीजों को खिलाने की मनाही है। वहीं कुछ चीजें है जिन्हें जरूर ब्राह्मणों को खिलानी चाहिए। इससे पितरों के साथ-साथ कई देवी-देवता भी प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं कि श्राद्ध कर्म के दौरान ब्राह्मणों को किन चीजों को अवश्य खिलानी चाहिए।
गाय के दूध की खीर
अग्निपुराण के अनुसार, पितृपक्ष के दौरान ब्राह्मणों को खीर जरूर खिलानी चाहिए। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि खीर गाय के दूध से भी बनाएं। कभी भी भैंस के दूध से न बनाएं। दरअसल, यमराज की सवारी भैंसा है। भैंस उन्हीं के परिवार से आते हैं। ऐसे में अगर पितर भैंस के दूध की खीर खाते हैं, तो उन्होंने पितृ लोक वापस आते समय ताड़ भोगना पड़ता है। इसलिए गाय के दूध की खीर ही बनाएं। माना जाता है कि खीर आहुतों के हिस्से में चला जाता है।
तोरई की सब्जी
तोरई की सब्जी पितृपक्ष के दौरान जब ब्राह्मण श्राद्ध कर्म का भोजन करें, तो तोरई अवश्य खिलानी चाहिए। अग्नि पुराण के अनुसार माना जाता है कि ये भोजन पितरों के हिस्सों में अवश्य जाता है। इससे वह प्रसन्न होकर सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
उड़द की दाल
श्राद्ध पक्ष में ब्राह्मणों को भोजन कराते समय उड़द की दाल को किसी न किसी तरह जरूर इस्तेमाल करें। इससे आप इमरती, दही बड़ा, दाल, पकौड़ें या फिर कोई अन्य चीज बना सकते हैं। माना जाता है कि ब्राह्मणों द्वारा उड़द की दाल का सेवन करने से ये प्रेतों के हिस्सों में चला जाता है।
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