Pithori amavasya 2023 Upay: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को पिठोरी अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस बार भाद्रपद की अमावस्या 14 सितंबर 2023 को है। बता दें कि इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी या कुशग्रहणी अमावस्या भी कहा जाता है। इस दिन स्नान-दान के साथ कुछ खास ज्योतिषीय उपायों को करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। भाद्रपद अमावस्या पर कुछ ज्योतिषीय उपायों को करने के साथ तुलसी की सूखी लकड़ी के इस खास उपाय को कर सकते हैं। प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने इस बारे में विस्तार से बताया है।

पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, तुलसी को पवित्र पौधों में से एक माना जाता है। भगवान विष्णु को अति प्रिय तुलसी का पौधा घर में लगाने और नियमित रूप से पूजा करने से व्यक्ति को हर संकट से छुटकारा मिल जाता है। इसके साथ ही धन-धान्य की बढ़ोतरी होती है। इसके साथ ही घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह तेज होता है। इसके साथ ही जिस घर में तुलसी का पौधा हरा-भरा होता है। वहां पर हमेशा लोग सदैव सुखी रहते हैं और मां लक्ष्‍मी भी हमेशा वास करती हैं।

चिन्ह महापुराण के अनुसार, जो व्यक्ति सोमवती, शनिश्चरी अमावस्या  या फिर किसी भी अमावस्या के दिन इस उपाय को अपनाता है, उसे कई गुना अधिक फलों की प्राप्ति होती है। शरीर से नकारात्मक ऊर्जा हट जाती है, जिससे व्यक्ति के अंदर जुनून, आत्मविश्वास की वृद्धि होती है। इसके साथ ही धन-धान्य, सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं कि तुलसी की लकड़ी का कैसे करें इस्तेमाल।

तुलसी की सूखी लकड़ी का करें ऐसे इस्तेमाल

चिन्ह पुराण के अनुसार, अमावस्या के दिन  तुलसी की लकड़ी के जल से स्नान करना लाभकारी सिद्ध हो सकता है। इसके लिए तुलसी की सूखी लकड़ी या फिर तुलसी की माला को थोड़े से पानी में 4-5 बार घुमा दें। इसके बाद इस पानी को नहाने वाले पानी में मिला दें। इसके बाद इससे स्नान कर लें।  

तुलसी की लकड़ी का दीपक जलाना शुभ

पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, तुलसी की सूखी लकड़ी को फेंकने के बजाय इसे आप एकत्रित करके रख सकते हैं। इसके अलावा 7 तुलसी की सूखी लकड़ी लेकर कच्चा सूत से बांध दें। इसके बाद इसे घी में डुबोकर इसे जला दे। ऐसा करने से विष्णु जी के साथ मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती है और सुख-समृद्धि, सौभाग्य का आशीर्वाद देती है।

डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।