रत्न शास्त्र के अनुसार, नवग्रह के अलग-अलग रत्न और उपरत्न है। जिसका अपना-अपना शुभ या अशुभ प्रभाव होता है। इन्हीं रत्नों में से एक है माणिक्य। यह रत्न सूर्य ग्रह का माना जाता है। रत्न शास्त्र के अनुसार, इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति को समाज में मान-सम्मान, पद-प्रतिष्ठा मिलने के साथ-साथ किस्मत चमक सकती है। इसके साथ ही ऊंचे पद में आसीन होते हैं। जानिए माणिक्य रत्न पहनने के लाभ और नुकसान के बारे में।

माणिक्य रत्न पहनने के लाभ

  • रत्न शास्त्र के अनुसार, माणिक्य रत्न उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनकी कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है। इस रत्न को धारण करने से कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। इस रत्न को धारण करने से समाज में मान-सम्मान के साथ पद प्रतिष्ठा बढ़ती है।
  • माणिक्य का स्वामी सूर्य है। ऐसे में इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के अंदर नेतृत्व करने की क्षमता जागती है।
  • माणिक्य रत्न धारण करने से आंखों की समस्या खत्म हो जाती है। इसके साथ ही खून संबंधी बीमारियों से निजात मिल सकती है।

माणिक्य रत्न धारण करने के नुकसान

  • रत्न शास्त्र के अनुसार जहां माणिक्य रत्न व्यक्ति के अंदर आत्म विश्वास, नेतृत्व की क्षमता को बढ़ाता है। वहीं दूसरी ओर इसे अपने मन से धारण करने से कई खतरनाक नुकसान भी हो सकते हैं।
  • सूर्य माणिक्य रत्न का प्रतिनिधित्व करता है। इसलिए इसे धारण करने से पहले एक्सपर्ट से जरूर सलाह लेना चाहिए, अन्यथा ये हानिकारक साबित हो सकता है।
  • इस रत्न को धारण करने से स्वभाव में काफी बदलाव होता है। ऐसे में कार्यस्थल में किसी से वाद-विवाद हो सकता है।
  • इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के स्वभाव में परिवर्तन होता है। जिसके कारण उसके अंदर अहंकार का जन्म हो जाता है।
  • शनि की राशि यानी कुंभ और मकर राशि या फिर लग्न को  माणिक्य रत्न पहनने से पहले ज्योतिष से जरूर सलाह लेना चाहिए, क्योंकि यह व्यक्ति के जीवन में भूचाल ला सकता है।
  • रत्न शास्त्र के अनुसार, माणिक्य रत्न पहनने से पिता के साथ संबंध भी खराब हो सकते हैं।
  • माणिक्य पहनने से कई लोगों को लगातार सिरदर्द की समस्या हो जाती है। इसके साथ ही हड्डियों या फिर आंख संबंधी समस्या हो सकती है।

कब पहनना चाहिए माणिक्य रत्न

माणिक्य रत्न को रविवार के दिन अनामिका अंगुली में पहनना शुभ माना जाता है। इसे सोने या फिर तांबे की धातु में जड़वा कर पहनना चाहिए।