हिंदू धर्म की मान्यता अनुसार देवी-देवताओं के पूजन से व्यक्ति के दुख-दर्द में राहत प्राप्त होती है। इसी कारण से व्यक्ति हर दिन मंदिर जाता है और अपने ईष्टदेव का पूजन करता है। मान्यता है कि जिन घरों में हर दिन पूजा होती है, उस घर का वातावरण शुद्ध रहता है। शास्त्रों में पूजा करने के नियम बताए गए हैं, जिन्हें अपनाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में वास करती हैं। मान्यता है कि दीप, धूप से निकलने वाला धुंआ व्यक्ति की श्वास संबंधी समस्याओं को ठीक करता है और वातावरण में मौजूद कीटाणुओं को नष्ट करता है।

– हर प्रकार के पूजन में चावस का विशेष रुप से प्रयोग किया जाता है। पूजन के लिए अखंडित चावलों का प्रयोग किया जाता है। चावल को पूजन में प्रयोग करने से पहले हल्दी से पीले करना शुभ माना जाता है।
– पूजा में पान का पत्ता रखना भी शुभ माना जाता है।
– देवी-देवताओं को अर्पित करने वाले फूल-पत्तों को स्वच्छ करना शुभ माना जाता है।
– भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का रेशमी कपड़ा चढ़ाया जाता है, माता दुर्गा, सूर्यदेव और श्री गणेश को प्रसन्न करने के लिए लाल रंग का कपड़ा अर्पित करना शुभ माना जाता है। भगवान शिव को सफेद रंग का कपड़ा अर्पित करना शुभ माना जाता है।
– सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु पंचदेव कहलाते हैं। इनकी पूजा सभी शुभ कार्यों में की जाती है। इन देवों को प्रसन्न करने से माता लक्ष्मी को भी प्रसन्न किया जा सकता है।

– पूजन में खंडित दीपक नहीं जलाना चाहिए, धार्मिक कार्यों में खंडित सामग्री को शुभ नहीं माना जाता है।
– घर में या मंदिर में जब भी पूजन करें तो अपने ईष्टदेव के साथ स्वास्तिक, कलश, नवग्रह देवता का पूजन भी अनिवार्य माना जाता है।
– घर में पूजा स्थान को स्वच्छ रखना चाहिए किसी भी तरह का कबाड़ या लोहे की वस्तु मंदिर में ना रखें।
– पूजा करते हुए ध्यान रखें कि भगवान शिव को हल्दी अर्पित नहीं की जाती है और ना ही शंख से जल अर्पित किया जाता है।