Putrada Ekadashi Kab Hai : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। साथ ही आपको बता दें कि एक महीने में दो एकादशी पड़ती हैं, जिसमेंं एक शुक्ल पक्ष तो दूसरी कृष्ण पक्ष में। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं पुत्रदा एकादशी के बारे में, जो इस साल 16 अगस्त को मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं मान्यता है इस दिन वे महिलाएं जो पुत्र पाना चाहती हैं अगर व्रत करें तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
पुत्रदा एकादशी की तिथि
पुत्रदा एकादशी की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से होगी। साथ ही इस एकादशी का अंत 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा। वहीं व्रत का पारण 17 अगस्त को सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक किया जा सकता है।
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पर प्रीति योग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। साथ ही पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
पुत्रदा एकादशी धार्मिक महत्व
पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है। वहीं मान्यता है कि व्यक्ति को मृत्यु उपरांत बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत के पुण्य-प्रताप से राजा महीजित महिष्मती को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने से पुत्र रत्न की प्राप्ति के योग बनते हैं। साथ ही विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।