Paush Purnima 2020 Kab Hai: 10 जनवरी को पौष मास की आखिरी तिथि पूर्णिमा है। इस दिन से प्रयागराज में माघ मेले (Magh Mela 2020) की शुरूआत भी हो जायेगी। यह मेला महा शिवरात्रि (Maha Shivratri 2020 Date) यानी 21 फरवरी तक चलेगा। ऐसी मान्यता है कि पौष पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसलिए इसका काफी धार्मिक महत्व माना गया है। इस तिथि को सूर्य और चंद्रमा के संगम के रूप में देखा जाता है। क्योंकि पौष के महीने में सूर्य देव की उपासना की जाती है तो पूर्णमा तिथि पर चंद्र देव की। जानिए पौष पूर्णिमा व्रत का महत्व और पूजा विधि…

पौष पूर्णिमा व्रत विधि: वैसे तो हर महीने में पूर्णिमा तिथि पड़ती है लेकिन पौष पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन व्रत रखने वालों को सुबह जल्दी उठकर स्नान कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। वरुण देव को प्रणाम कर किसी पवित्र नदी या कुंड में स्नान करना चाहिए। अगर ऐसा कर पाना संभव न हो तो घर में ही नहाने के पानी में गंगाजल छिड़क कर स्नान करें। इसके बाद सूर्य देव के मंत्र का जाप करते हुए उन्हें अर्घ्य दें। भगवान विष्णु की पूजा करें और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं। इस दिन दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्रों को जरूर बांटे।

पौष पूर्णिमा का महत्व: पौष माह की पूर्णिमा तिथि को मोक्ष की कामना करने वालों के लिए शुभ माना जाता है। माघ महीने में किये जाने वाले स्नान की शुरुआत इसी तिथि से हो जाती है। मान्यता है कि इस तिथि को सुबह-सुबह किसी पवित्र नदी में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद इस दिन दान करने की भी परंपरा है।

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पौष पूर्णिमा मुहूर्त: 10 जनवरी को पूर्णिमा तिथि का प्रारम्भ 02:34 ए एम बजे से होगा और इसकी समाप्ति 11 जनवरी को 12:50 ए एम बजे तक होगी।

पौष पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण: इस बार पौष पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण भी लगने जा रहा है। ये साल का पहला ग्रहण है। उपच्छाया चंद्रग्रहण होने के कारण इसका सूतक नहीं लगेगा। ज्योतिष अनुसार जो ग्रहण खुली आंखों से दृश्य हो केवल उसी का प्रभाव मानव जीवन पर पड़ता है। इस ग्रहण का प्रारंभ 10 जनवरी की रात 10 बजे से होगा।