Solar Eclipse 2018: 15 फरवरी को होने वाला सूर्य ग्रहण साल का दूसरा ग्रहण है, इससे पहले 31 जनवरी 2018 को पूर्ण चंद्र ग्रहण की अनोखी खगोलीय घटना देखने को मिली थी। 15 दिन के भीतर ही दूसरा ग्रहण घटित होने जा रहा है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रहण आंशिक होगा, जिसमें सूर्य पूर्ण रुप से चंद्रमा से नहीं ढक पाएगा। मान्यता है कि इस दौरान सूर्य से निकलने वाली किरणें शरीर में भयंकर चर्म रोग भी उत्पन्न कर सकती है। सूर्य ग्रहण को खुली आंखों से देखने पर नाजुक रेटिना टिशूज डैमेज हो सकते हैं। यह ग्रहण दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, चिली, ब्राजील और अंटार्कटिका और एशिया के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
विश्वभर में लाखों लोग सूर्य ग्रहण का दीदार कर सकेंगे। जिन क्षेत्रों में यह आंशिक ग्रहण दिखाई देगा, वहां लोग इसे आसानी से देख सकते हैं। हालांकि, जिन क्षेत्रों में सूर्य ग्रहण नहीं दिखाई देगा, वहां के लोग लाइव टेलीकास्ट के जरिए इसका दीदार कर सकते हैं। इसके लिए कई एजेंसियां लाइव टेलिकास्ट करेंगी। अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा पर ग्रहण का लाइव टेलीकास्ट होगा। नासा 12 जगहों से सूर्य ग्रहण की कवरेज करेगा। दुर्भाग्यवश भारत में आंशिक ग्रहण की घटना नहीं देखी जा पाएगी क्योंकि जिस वक्त सूर्य पर ग्रहण लग रहा होगा तब भारत में मध्यरात्रि का काल होगा।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी और सूर्य के बीच चंद्रमा आ जाता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार का होता है। पहला पूर्ण सूर्य ग्रहण जिसमें चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी को अपनी छाया में ले लेता है। ऐसे में सूर्य की किरणें पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती हैं। दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण जिसमें चंद्रमा सूर्य के कुछ हिस्से को ढक पाता है जिसमें धरती के कुछ हिस्सों से सूर्य नजर नहीं आता है। 15 फरवरी के इस आंशिक ग्रहण से पहले 31 जनवरी को पूर्ण चंद्र ग्रहण की विशेष खगोलीय घटना हुई थी। सूर्य ग्रहण को देखने वाले लोग इसे खुली आंखों से भूलकर भी नहीं देखें, इससे आंखों के रेटिना टिशूज प्रभावित हो सकते हैं।

