Parivartini Ekadashi Shubh Muhurt: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। साथ ही सभी व्रतों में एकादशी का व्रत सर्वश्रेष्ठ माना गया है। एकादशी के दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करते हैं। वैदिक पंचांग के अनुसार हर साल परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। जो इस साल 6 साल सितंबर को पड़ रही है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन अवतार की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन इस एकादशी व्रत के दिन भगवान विष्णु शयन के समय करवट बदलते हैं, इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी पड़ा है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और महत्व…

जानिए परिवर्तिनी एकादशी तिथि

वैदिक पंचांग के मुताबिक परिवर्तिनी एकादशी तिथि 06 सितंबर को सुबह 5 बजकर 55 मिनट से आरंभ हो रही है। साथ ही एकादशी तिथि की समाप्ति 7 सितंबर, बुधवार को सुबह 3 बजकर 03 मिनट पर होगी। वहीं जो लोग उदयातिथि को मानते हैं वो लोग परिवर्तिनी एकादशी का व्रत 06 सितंबर, 2022 को रखेंगे।

परिवर्तिनी एकादशी शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार 06 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत के दिन सुबह से ही आयुष्मान योग का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 08 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा जो 07 सितंबर सुबह 04 बजकर 51 मिनट तक रहेगा। इसके बाद फिर शोभन योग आरंभ हो जाएगा। शोभन योग में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।

साथ ही परिवर्तिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और रवि योग भी बन रहे हैं। रवि योग प्रात: 06 बजकर 02 मिनट से शाम 06 बजकर 08 मिनट तक है। वहीं त्रिपुष्कर योग 07 ​सितंबर सुबह 03 बजकर 05 मिनट से सुबह 06 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इन सब योगों का ज्योतिष शास्त्र में विशेष महत्व है। इसलिए इस साल परिवर्तिनी एकादशी खास रहने वाली है।

व्रत पारण का समय

जो लोग 06 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखते हैं तो 07 सितंबर के दिन व्रत का पारण कर सकते हैं। साथ ही इस दिन पारण का समय सुबह 08 बजकर 18 मिनट से सुबह 08 बजकर 32 मिनट तक है।

जानिए महत्व

एकादशी के दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सभी पापों का नाश होता है। इस दिन वामन अवतार की पूजा की जाती है। जिससे अक्षय पुण्य का फल प्राप्त होता है।