Papmochani Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। मान्यता है जो व्यक्ति इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करता है, उसकी मनोकामाएं पूर्ण होती हैं। साथ ही जीवन में सुख- समृद्धि का वास बना रहता है। आपको बता दें कि इस साल पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा। इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं तिथि और शुभ मुहूर्त…
पापमोचनी एकादशी तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक इस साल चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 04 अप्रैल को शाम 04 बजकर 15 मिनट पर आरंभ हो रही है। साथ ही इसका अंत अगले दिन 05 अप्रैल को दोपहर 01 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि को आधार मानते पापमोचनी एकादशी का व्रत 5 अप्रैल को रखा जाएगा।
पापमोचनी एकादशी शुभ मुहूर्त
वहीं पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 5 मिनट से शुरू होकर सुबह 10 बजकर 48 मिनट तक है। साथ ही आप इस मुहूर्त में पूजा न कर पाएं तो अभिजित मुहूर्त में भी पूजा कर सकते हैं। जो कि सुबह 11 बजकर 58 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। अभिजीत मुहूर्त का ज्योतिष में विशेष महत्व है। मान्यता है जो व्यक्ति इस मुहूर्त में पूजा- अर्चना करता है, उसे दोगुना फल प्राप्त होता है।
पापमोचनी एकादशी महत्व
इस व्रत को जो भी व्यक्ति रखता है, उसको सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं पापमोचनी दो शब्दों से मिलकर बना है – पाप और ‘मोचनी’। इसका अर्थ है पाप समाप्त करने वाला। इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। साथ ही भगवान विष्णु की कृपा से जीवन के हर मोड़ पर सफलता हासिल होती है।
पापमोचनी एकादशी पूजन मंत्र
- ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णु प्रचोदयात्।।
- ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि।ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि।
- ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्टं च लभ्यते।।