Panchak May 2024: हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी तरह के शुभ, मांगलिक कामों या फिर 16 संस्कारों को करने से पहले शुभ और अशुभ योगों का जरूर देखा जाता है। जिस तरह शादी-विवाह में शुक्र और गुरु का शुभ स्थिति में होना जरूरी माना जाता है। ऐसे ही हर माह पांच दिन ऐसे होते हैं जिन्हें पंचक मान से जाना जाता है। पंचक के दौरान कुछ शुभ कामों को करने की मनाही होती है। यह पंचक अशुभ नक्षत्रों के कारण बनता है। बता दें कि मई माह में 2 तारीख से पंचक शुरू हो रहे हैं। गुरुवार के दिन शुरू होने के कारण इसे दोष रहित पंचक कहा जाएगा। ऐसे में पांच दिनों तक कुछ कामों को करने की मनाही होती है। आइए जानते हैं पंचक के दौरान किन कामों को करने की है मनाही…
कब से शुरू हो रहे हैं पंचक
हिंदू पंचांग के अनुसार, मई माह में पंचक 2 मई को दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से शुरू हो रहे हैं, जो 6 मई, मंगलवार को शाम 5 बजकर 43 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं।
मई 2024 में दोष रहित पंचक क्यों?
शास्त्रों के अनुसार, अशुभ नक्षत्र यानी जब चंद्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती नक्षत्र से होकर गुजरता है, तो पंचक लगते हैं। इसके साथ ही पंचक का प्रकार वार के हिसाब से तय किया जाता है। रविवार के पंचक को रोग पंचक, सोमवार के पंचक को राज पंचक, मंगलवार के पंचक को अग्नि पंचक, शुक्रवार के पंचक को चोर पंचक, शनिवार के पंचक को मृत्यु पंचक कहते हैं। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को पड़ने वाले पंचक को अशुभ नहीं माना जाता है।
गुरुवार से शुरू पंचक क्यों है खास?
गुरुवार से शुरू हुए पंचक दोष रहित होते हैं। इसके साथ ही ये दिन भगवान विष्णु और गुरु बृहस्पति का होता है। ऐसे में इस पंचक में 5 कामों के अलावा कुछ भी किया जा सकता है। इसका कोई अशुभ प्रभाव नहीं होता है।
पंचक के दौरान न करें ये 5 काम
‘अग्नि-चौरभयं रोगो राजपीडा धनक्षतिः।
संग्रहे तृण-काष्ठानां कृते वस्वादि-पंचके।।’
मुहूर्त-चिंतामणि में दिए गए इस श्लोक के अनुसार, पंचकों के दौरान लकड़ी इकट्ठा करना या खरीदने की मनाही होती है। इसके अलावा मकान में छत डलाना, दाह संस्कार करना, पलंग या चारपाई बनाना और दक्षिण दिशा की यात्रा करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से पंचक दोष लगता है।
गुरु पंचक काल के दौरान करें ये काम
गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक अशुभ नहीं माने जाते हैं। इस दौरान धन-समृद्धि, पद-प्रतिष्ठा से जुड़े कुछ कामों को कर सकते हैं।
- गुरुवार के दिन पंचक शुरू हो रहे हैं। इसलिए शाम के समय 5 दीपक जलाएं, जो शिव जी, माता दुर्गा, भगवान विष्णु, तुलसी और हनुमान जी के नाम पर होंगे। ऐसा करने से पंचक का नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करें। इसके साथ ही भगवान विष्णु की पूजा करें।
- एक आटा की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर गाय को खिला दें। ऐसा करने से गुरु बृहस्पति का आशीर्वाद प्राप्त होगा और तरक्की के साथ नौकरी और व्यापार में लाभ मिलेगा।
डिसक्लेमर- इस लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों जैसे ज्योतिषियों, पंचांग, मान्यताओं या फिर धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है। इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इसके किसी भी तरह के उपयोग करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।