ओशो रजनीश दुनिया के महान विचारकों में से एक माने जाते हैं। इन्होंने व्यक्तिगत जीवन से जुड़े लगभग हर विषयों पर खुलकर और तर्कसंगत तरीके से अपने विचार रखें। जिनमें से कई विचारों को विवादों का सामना भी करना पड़ा था। कुछ लोग इन्हें गलत मानते थे तो कुछ लोग सही। ओशो ने ऐसे विषयों पर अपनी खुलकर राय रखी जिस पर बात करना ज्यादातर धर्मगुरु वर्जित मानते हैं। लेकिन समय के साथ-साथ उनके विचारों को स्वीकार्यता मिलती गई। जानिए ओशो द्वारा दिये गये 10 अनमोल विचार जिन्हें अपनाकर व्यक्तिगत जीवन को सफल बनाया जा सकता है…

– जिंदगी में आप जो भी करना चाहते हैं वह जरूर करो, ये मत सोचो की लोग क्या कहेंगे। क्योंकि लोग तो तब भी कुछ कहते हैं, जब आप कुछ नहीं करते थे।

– मनुष्य खुद ईश्वर तक नहीं पहुंचता है, बल्कि जब वह तैयार हो जाता है तो ईश्वर खुद उस तक पहुंच जाते हैं।

– आपको किसी से किसी भी प्रकार की प्रतिस्पर्धा की आवश्यकता नहीं है आप स्वयं जैसे हैं बिल्कुल सही हैं। बस खुद को स्वीकार करना सीखिए।

– मैं किसी से बेहतर करूं क्या फर्क पड़ता है, बल्कि मैं किसी का बेहतर करूं इस चीज से फर्क पड़ना चाहिए।

– सारी शिक्षा व्यर्थ है, सारे उपदेश व्यर्थ है, अगर वे तुम्हें अपने भीतर डूबने की कला नहीं सिखाते हैं।

– बहुत ही सुन्दर शब्द जो एक मंदिर के दरवाजे पर लिखे थे ‘ठोकरे खा कर भी ना संभले तो मुसाफिर का नसीब, वरना पत्थरों ने अपना फर्ज निभा ही दिया।’

– संसार सुन्दर है क्योंकि इसे ईश्वर ने बनाया है। जो संसार को गंदा कहता है वह ईश्वर का तिरस्कार करता है।

– कोई आदमी चाहे लाखों चीजों को जान ले। चाहे वह पूरे जगत को जान ले। लेकिन वह स्वयं को नहीं जानता है तो वह अज्ञानी है।

– मैं तो दो ही शब्दों पर जोर देता हूं- प्रेम और ध्यान। क्योंकि मेरे लिए अस्तित्व के मंदिर के दो ही दरवाजे हैं। एक का नाम है प्रेम और एक का नाम ध्यान।

– जब आप हंस रहे होते हैं तो ईश्वर की इबादत कर रहे होते हैं। और जब आप किसी को हंसा रहे होते हैं तो ईश्वर आप की इबादत कर रहा होता है।