Jaya Kishori Marriage: 10 साल की उम्र में ही सुंदरकांड का पाठ करने वालीं जया किशोरी अपने भजनों और कथा वाचन के लिए मशहूर हैं। मूल रूप से राजस्थान के सुजानगढ़ की रहने वालीं जया किशोरी गौड़ ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। कोलकाता में जन्मीं किशोरी की शुरुआती पढ़ाई लिखाई वहीं महादेवी बिरला वर्ल्ड एकेडमी से हुई। जया किशोरी के गुरु पंडित गोविंदराम मिश्र उन्हें राधा के नाम से बुलाते थे। उनकी कृष्ण भक्ति को देखते हुए उन्होंने ही जया को ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी।

जया किशोरी कहती हैं कि उनके परिवार में शुरू से ही आध्यात्म और भक्ति का माहौल था। इसी वजह से उनका रुझान इस और बढ़ा। वह कहती हैं कि मैंने अपने दादा-दादी और नाना-नानी से तमाम कहानियां सुनी। मन में भक्ति थी, इसी वजह से इस रास्ते पर चल पड़ी।

मैं कोई साध्वी नहीं, जरूर करूंगी शादी: कुछ महीने पहले राजस्थान पत्रिका को दिए एक इंटरव्यू में जब जया किशोरी से पूछा गया कि क्या वे शादी करेंगी तो उन्होंने कहा ‘बिल्कुल करनी है…न ही मैं साध्वी हूं, न तो साधू-संत हूं। मैं साधारण लड़की हूं, जैसी दूसरी लड़कियां होती हैं। हर माता-पिता को एक वक्त के बाद लगता है कि बेटी की शादी कर दी जाए। हालांकि उसमें अभी समय है…पर शादी जरूर करूंगी। जिस तरीके से साधारण लड़की जीवन जीती है, उसी तरीके से मेरा जीवन है। लेकिन मैं यह भी नहीं चाहूंगी कि कभी ठाकुर जी का गुणगान करना छोडूं, हमेशा गुणगान करती रहूंगी’।

आमदनी का बड़ा हिस्सा कर देती हैं दान: आपको बता दें कि जया किशोरी भजन और कथा वाचन के अलावा अपने सामाजिक कार्यों के लिए भी चर्चित हैं। भजन और कथा से इकट्ठे पैसों का बड़ा हिस्सा वह उदयपुर के नारायण सेवा ट्रस्ट को दान कर देती हैं। इस ट्रस्ट के जरिए दिव्यांगों की मदद की जाती है। इसके अलावा बच्चियों की पढ़ाई लिखाई में भी मदद करती हैं। 25 साल की साध्वी जया किशोरी के लाखों दीवाने हैं। उनके भजनों और कथा वाचन के वीडियोज को करोड़ों व्यूज मिलते हैं। जया किशोरी जब ‘नानी बाई का मायरा’ सुनाती हैं तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।