महान अर्थशास्त्री और बुद्धिमत्ता के धनी आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों को लेकर काफी प्रसिद्ध हैं। आचार्य चाणक्य को समाज की गहराई से समझ थी, इसलिए उन्होंने एक नीति शास्त्र की रचना की, जिसमें उन्होंने लोगों को खुशहाल, सफल और सम्मानजनक जिंदगी जीने के तरीके बताएं हैं। चाणक्य जी की नीतियां आज के समय में भी प्रासंगिक मानी जाती है। मान्यता है कि जो व्यक्ति उनकी नीतियों का अनुसरण कर ले, उन्हें अपने जीवन में कभी भी असफलता का सामना नहीं करना पड़ता।
चाणक्य जी ने अपने नीति शास्त्र में ऐसी पांच बातों का जिक्र किया है, जिनका व्यक्ति को किसी दूसरे से भूलकर भी जिक्र नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से उसके ऊपर मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है।
पति-पत्नी के बीच की बातें: पति-पत्नी को अपने बीच की बातें किसी दूसरे से नहीं बतानी चाहिए। अपने सबसे अच्छे मित्र से भी अपने दांपत्य जीवन से जुड़ी बातें ना बताएं। क्योंकि ऐसा करने से वह मुश्किल में पड़ सकते हैं। साथ ही वैवाहिक रिश्ते में दरार भी आ सकती है।
अपमान: व्यक्ति को अपने अपमान की बात किसी दूसरे से नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से आपकी छवि को नुकसान पहुंचता है और समाज में आपका मान-सम्मान कम होता है।
धन की हानि: अगर किसी कारणवश आपको धन की हानि हो गई है और आपको कर्ज लेना पड़ गया है तो यह बात भी किसी दूसरे को ना बताएं। क्योंकि ऐसा करने से लोग आपसे दूरी बनानी शुरू कर देते हैं।
अपने दुख: अपनी दुख-परेशानियां किसी दूसरे को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से लोग आपकी मदद नहीं करते बल्कि आपका मजाक उड़ाते हैं। इसलिए लोगों को अपने दुख किसी दूसरे से शेयर नहीं करने चाहिए, क्योंकि भविष्य में आपका मुसीबत उठानी पड़ सकती है।
धन-संपत्ति: चाणक्य जी बताते हैं कि जिस तरह व्यक्ति को अपने नुकसान की बात किसी दूसरे से शेयर नहीं करनी चाहिए, उसी तरह अपनी धन-संपत्ति भी हर किसी को नहीं बतानी चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से लोग आपसे ईर्ष्या करने लगते हैं।