ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि वास्तु शास्त्र किसी-न-किसी तरह मनुष्य की जिंदगी को प्रभावित करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी काम को करने का समय और कोई भी चीज रखने की एक दिशा निर्धारित होती है। अगर आप समय के अनुसार कोई भी काम करते हैं तो उसका आपकी जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। हिंदू धर्म में दान देने का बहुत महत्व है। हर शुभ काम में दान जरूर किया जाता है, माना जाता है कि दान करने से आपको पुण्य की प्राप्ति होती है।

लेकिन वास्तु शास्त्र में सूर्यास्त के बाद कुछ चीजों का दान करने की मनाही है। वैसे तो आप दिन के किसी समय, सुबह से लेकर शाम तक दान कर सकते हैं। लेकिन सूर्यास्त के बाद कुछ चीजों का दान करने से या फिर पड़ोसियों को देने से, मां लक्ष्मी रुठ जाती हैं। साथ ही घर में आर्थिक संकट आ जाता है। तो आइये जानते हैं कि वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद किन चीजों का दान करना वर्जित माना जाता है-

दूध: दूध को धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु का कारक माना जाता है। साथ ही यह भगवान सूर्य और चंद्रमा से भी संबंधित होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद दूध का दान करने से धन की हानि होती है।

पैसों का दान: वास्तु शास्त्र के मुताबिक सूर्यास्त के बाद पैसों का लेन-देन नहीं करना चाहिए। इससे घर में आर्थिक परेशानियां आती हैं।

प्याज और लहसुन: वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद प्याज और लहसुन का दान करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है क्योंकि प्याज और लहसुन का संबंध केतु ग्रह से होता है। इसलिए शाम के बाद पड़ोसियों को प्याज और लहसुन देने से भी बचना चाहिए।

हल्दी: हल्दी गुरु ग्रह का कारक मानी जाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद हल्दी का दान करने से कुंडली में गुरु की स्थिति कमजोर होती है, जिससे व्यक्ति के सामने आर्थिक संकट पैदा होता है। इसलिए शाम होने के बाद हल्दी का दान करने से बचना चाहिए।

दही: शाम के बाद किसी को भी दही देने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती है और घर में अशांति बढ़ती है। इसलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्यास्त के बाद दही का दान करने से बचना चाहिए।