बड़े- बुजुर्गों की तुलना में छोटे बच्चों को जल्‍दी नजर लगती है। नजर लगना सिर्फ मन की भ्रांति नहीं बल्कि एक वैज्ञानिक क्रिया है। विज्ञान के अनुसार हमारे शरीर से विद्युत तरंगे निकलती रहती हैं। वहीं जब किसी प्रकार से इन तरंगों को बाधित किया जाता है या किसी कारणवश बाधित हो जाती हैं तो शरीर में दिक्कतें होने लगती हैं।

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यह नजर लगने की प्रक्रिया है। आमतौर पर हम सभी जानते हैं कि जब किसी बच्चे को नजर लगती है तो सामान्य लक्षण जैसे अचानक उल्टी होना, बीमार होना, शरीर का निढाल सा हो जाना और छोटे बच्चे का बार-बार रोता है।

नजर से बचने के लिए हम बच्‍चे को काला टीका लगाते हैं या फिर काला धागा बांधते हैं। यदि आपको भी अपने बच्‍चे को बुरी नजर से बचाना चाहते हैं तो यहां जानें उससे बचने के उपाय, इसके अलावा यह भी हम बताएंगे कि यदि रात को बुरे और भयानक सपने आते हैं तो उनसे कैसे बचें।

बच्चों की नजर उतरने का उपाय

नजर लगे व्यक्ति को पान में गुलाब की सात पंखुड़ियां रखकर खिलाए। नजर लगा हुआ व्यक्ति इष्ट देव का नाम लेकर पान खाए। बुरी नजर का प्रभाव दूर हो जाएगा।

खाने के समय भी किसी व्यक्ति को नजर लग जाती है। ऐसे समय इमली की तीन छोटी डालियों को लेकर आग में जलाकर नजर लगे व्यक्ति के माथे पर से सात बार घुमाकर पानी में बुझा देते हैं और उस पानी को रोगी को पिलाने से नजर दोष दूर होता है।

नमक, राई, राल, लहसुन, प्याज के सूखे छिलके व सूखी मिर्च अंगारे पर डालकर उस आग को रोगी के ऊपर सात बार घुमाने से बुरी नजर का दोष मिटता है।

कई बार हम देखते हैं, भोजन में नजर लग जाती है। तब तैयार भोजन में से थोड़ा-थोड़ा एक पत्ते पर लेकर उस पर गुलाब छिड़ककर रास्ते में रख दे। फिर बाद में सभी खाना खाएं। नजर उतर जाएगी।

भयानक सपना ना आने के उपाय

सोते वक्त तकिए के नीचे या शयन कक्ष में सोते वक्त दाहिने हाथ की ओर पानी से भरा तांबे का छोटा पात्र रखें।

रसोई में आग्नेय कोण की ओर तेल का दीपक रखें। इस दीपक में सिंदूर डाल दें। दीपक की लौ समाप्त होने पार सिंदूर का हल्का तिलक लगाएं।

सपने में आत्मा, कंकाल, अस्थियां के दिखने पर, सर्वप्रथम हम जिस घर में रहते हैं वहां दुर्गापाठ का आयोजन रखें और ब्रह्मणों द्वारा कम से कम 51 या 101 पाठ जरूर करें। मुमकिन है इससे इस तरह के सपने आना दूर हो जाएंगे।

यदि संभव हो सकते प्रतिदिन सुंदरकांड या हनुमान चलीसा का पाठ करें या फिर हनुमानजी के मंदिर में जाकर प्रतिदिन सिंदूर तिलक करें या बटुक भैरव या हनुमान जी को चोला चढ़ाएं।